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ग्रेटर नोएडा : स्किल डेवलपमेंट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के चार शातिर गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा के थाना बिसरख पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो राइजिंग इंडिया अकादमी प्राइवेट लिमिटेड नामक कोचिंग सेंटर के माध्यम से बच्चों (5-15 वर्ष) की पर्सनैलिटी के साथ ही स्किल डेवलपमेंट के नाम पर अभिभावकों से ठगी कर रहा था

ग्रेटर नोएडा : स्किल डेवलपमेंट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के चार शातिर गिरफ्तार
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के थाना बिसरख पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो राइजिंग इंडिया अकादमी प्राइवेट लिमिटेड नामक कोचिंग सेंटर के माध्यम से बच्चों (5-15 वर्ष) की पर्सनैलिटी के साथ ही स्किल डेवलपमेंट के नाम पर अभिभावकों से ठगी कर रहा था।

गिरोह ने सिल्वर, गोल्ड और प्लेटिनम कोर्स के नाम पर अभिभावकों से रुपए लिए और फिर फरार हो गए। इस संबंध में थाना बिसरख में बच्चों के अभिभावकों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था।

पुलिस ने शनिवार को आरोपियों को गुप्त सूचना के आधार पर उनके ऑफिस से गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 146 अप्रूवल लेटर और 8.19 लाख की पेमेंट स्लिप बरामद की गई।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने राइजिंग इंडिया आईक्यू अकादमी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी खोलकर बच्चों के स्किल और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के नाम पर ठगी की।

उन्होंने सिल्वर के लिए 25,000, गोल्ड के लिए 35,000 और प्लेटिनम प्लान के लिए 50,000 से 60,000 रुपए वसूले थे। शातिर तीन घंटे की क्लास के लिए शनिवार और रविवार को शिक्षक रखते थे।

बताया जाता है कि गिरोह अब तक 31 लाख से ज्यादा की रकम ले चुके थे और कोर्स पूरा करने से पहले ही फरार हो जाते थे।

गिरफ्तार नीरज कुमार ने बताया कि उसने 2015 में बी-फार्मा की डिग्री प्राप्त की थी और आरआई किड्स ब्रेन डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड को अपने साथियों के साथ दिल्ली के जगतपुरी में खोला था। कोरोना महामारी के दौरान उसने इसे बंद कर दिया और बाद में टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी में नौकरी की। फिर कुछ पैसे इकट्ठा कर उसने राइजिंग इंडिया आईक्यू अकादमी खोली।

गैंग में शामिल गिरफ्तार महिला श्वेता ने बताया कि वह एम कॉम है और काउंसलर के रूप में काम करती थी। उसका काम अभिभावकों-छात्रों को आकर्षित करना और उनका इनरोलमेंट कराना था।

गैंग के कंचन ने बताया कि वह सीईओ और फाउंडर मेंबर के रूप में कार्य करता था। इस गिरोह का चौथा सदस्य मोहम्मद आरिफ इन्वेस्टर फाउंडर मेंबर था और कंपनी से हिस्सेदारी के अनुसार लाभ प्राप्त करता था।


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