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ग्रेटर नोएडा : किसानों के साथ प्रशासन की वार्ता सफल, धरना स्थगित

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 14 किसान संगठनों की महापंचायत में गुरुवार को किसानों और प्रशासन के बीच वार्ता सफल रही। महापंचायत के पहले दिन बुधवार को किसानों ने अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों से बातचीत की थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका था

ग्रेटर नोएडा : किसानों के साथ प्रशासन की वार्ता सफल, धरना स्थगित
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ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 14 किसान संगठनों की महापंचायत में गुरुवार को किसानों और प्रशासन के बीच वार्ता सफल रही। महापंचायत के पहले दिन बुधवार को किसानों ने अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों से बातचीत की थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका था।

यमुना प्राधिकरण में जिलाधिकारी और तीनों अथॉरिटी के सीईओ की अध्यक्षता में गुरुवार को किसान संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। तय हुआ कि किसानों की जमीन चाहे जिस भी माध्यम से अधिग्रहित की गई हो, सभी को समान मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा, तीनों अथॉरिटी के अधिकारी अलग-अलग समय पर किसानों से बैठक करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।

इन बैठकों का सिलसिला 24 मार्च से शुरू होगा। आगामी 28 मार्च को औद्योगिक विभाग के प्रमुख सचिव के साथ गौतमबुद्ध नगर में बैठक होगी, जिसके बाद लखनऊ में शासन स्तर पर वार्ता की जाएगी।

भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है कि जब तक ये बैठकें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक धरना-प्रदर्शन को स्थगित रखा जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि वार्ताओं के दौरान सकारात्मक परिणाम मिलते रहे, तो समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिए किया जाएगा। अगर अधिकारियों ने उदासीन रवैया अपनाया, तो किसान दोबारा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। जिन मुद्दों को अधिकारियों के सामने रखा गया था, उनमें भूमि अधिग्रहण और विस्थापन का मुद्दा शामिल था। साल 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को 64 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा दिलाने का मुद्दा भी उठाया गया।

इसके अलावा टोल माफी पर भी गौतमबुद्ध नगर के किसानों को टोल से मुक्त करने पर चर्चा हुई। सर्किल रेट बढ़ाने के मुद्दे पर प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि एक सप्ताह के भीतर सर्किल रेट में बढ़ोतरी की जाएगी।

यमुना विकास प्राधिकरण में हुई बैठक के दौरान अधिकारियों ने किसानों की अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिया है। यह भी तय हुआ कि 24 से 27 मार्च तक विभिन्न प्राधिकरणों के साथ किसानों की बैठकें होंगी और 28 मार्च को प्रमुख सचिव (औद्योगिक) के साथ महत्वपूर्ण बैठक होगी।

फिलहाल, किसानों ने अगले सात दिन तक आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया है। अगर वार्ताओं का सकारात्मक परिणाम नहीं निकला, तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा।


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