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बंगाली गायक प्रतुल मुखोपाध्याय के निधन पर राज्यपाल आनंद बोस ने दुख व्यक्त किया

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने प्रसिद्ध बंगाली गायक-गीतकार प्रतुल मुखोपाध्याय के निधन पर दुख व्यक्त किया है

बंगाली गायक प्रतुल मुखोपाध्याय के निधन पर राज्यपाल आनंद बोस ने दुख व्यक्त किया
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने प्रसिद्ध बंगाली गायक-गीतकार प्रतुल मुखोपाध्याय के निधन पर दुख व्यक्त किया है।

राजभवन मीडिया सेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शनिवार को एक पोस्ट में लिखा, "हम प्रसिद्ध बंगाली गायक-गीतकार प्रतुल मुखोपाध्याय के निधन से दुखी हैं, जिन्हें उनके प्रतिष्ठित गीतों के लिए जाना जाता था। बंगाली संगीत में उनका गहरा योगदान हमेशा हमारे दिलों में गूंजता रहेगा। उनकी आत्मा को शांति मिले।"

प्रतुल मुखोपाध्याय का शनिवार सुबह कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया। उम्र से जुड़ी बीमारियों के कारण 82 वर्षीय गायक को सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका काफी समय से इलाज चल रहा था। उनके इलाज के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गायक के लिए सर्वोत्तम उपचार सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से पहल की और हाल ही में उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए अस्पताल भी गई थीं।

गायक ने आज सुबह 10 बजे अंतिम सांस ली।

प्रतुल मुखोपाध्याय का जन्म 25 जून 1942 को तत्कालीन बंगाल के बारीसाल में हुआ था, जो अब बांग्लादेश का हिस्सा है। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे।

विभाजन के बाद उनका परिवार पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चिनसुरा चला गया था, जहां गायक ने अपना बचपन बिताया। बहुत छोटी उम्र से ही उनमें संगीत के लिए लगाव देखा गया। जब वह सिर्फ 12 साल के थे, तब उन्होंने मंगलाचरण चट्टोपाध्याय के एक लोकगीत की धुन तैयार की थी।

‘अमी बांग्लाई गान गाई’ (मैं बंगाली में गाता हूं) जैसे गीतों में बंगाली भाषा के प्रति उनका जुनून स्पष्ट दिखाई देता है। लोक संगीत के प्रति उनका जुनून ‘अमी धान कटार गान गाई’ (मैं धान की कटाई का गीत गाता हूं) जैसे गीतों में भी दिखाई देता है।


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