जाति पर गडकरी का बड़ा बयान , कहा - जो करेगा जात की बात, उसके मारूंगा कस के लात
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में भी रहते हैं। अब उनका एक और बयान आया है, जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यकों पर बड़ी बात कही, साथ ही जाति की राजनीति पर कहा कि वह अपने सिद्धांतों पर कायम रहेंगे
महाराष्ट्र : केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में भी रहते हैं। अब उनका एक और बयान आया है, जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यकों पर बड़ी बात कही, साथ ही जाति की राजनीति पर कहा कि वह अपने सिद्धांतों पर कायम रहेंगे। फिर चाहे वह चुनाव में हार क्यों न जाए या फिर उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़े, लेकिन कभी समझौता नहीं करेंगे। गडकरी यह भी कहते नजर आए कि जो करेगा जात की बात, उसके मारूंगा कस के लात।
बता दें कि नितिन गडकरी शनिवार 15 मार्च को नागपुर में एक अल्पसंख्यक संस्थान के दीक्षांत कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने मुस्लिम समुदाय की शिक्षा पर जोर देते हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी याद किया।
गडकरी ने कहा कि किसी व्यक्ति की पहचान उसकी जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग से नहीं होती, बल्कि उसके गुणों से होती है इसलिए हम जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। मैं राजनीति में हूँ और यहाँ ये सब चलता रहता है, लेकिन मैं इससे इनकार करता हूँ, भले ही इससे मुझे वोट मिले या न मिले। बहुत से लोग मुझसे जाति के आधार पर मिलने आते हैं। मैंने 50,000 लोगों से कहा, 'जो करेगा जाट की बात, उसके कस के मारूँगा लात।' मेरे दोस्तों ने मुझे बताया कि ऐसा कहकर मैंने खुद को नुकसान पहुँचाया होगा। लेकिन मुझे इसकी चिंता नहीं है; चुनाव हारने से कोई अपनी जान नहीं गँवाता। मैं अपने सिद्धांतों पर अडिग रहूँगा"
#WATCH | Maharashtra | Addressing an event in Nagpur, Union Minister Nitin Gadkari says, "... A person is not known by their caste, sect, religion, language or sex, but only by their qualities. That is why we will not discriminate against anyone based on caste, sect, religion,… pic.twitter.com/q3XbRhjSnS
— ANI (@ANI) March 16, 2025
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में पांच ही धंधे सबसे लोकप्रिय हुए हैं। चाय की टपरी, पान ठेला, कबाड़ी की दुकान, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर। अगर मुस्लिम समुदाय से ज्यादा इंजीनियर, आईपीएस और आईएएस अधिकारी आएंगे, तो सभी प्रगति करेंगे।
अब गडकरी के ऐसे बयान से मोदी की मुसीबत बढ़ेगी, क्योंकि उनके नेतृत्व में बीजेपी धर्म और जाति के आधार पर ही वोट बैंक तैयार करती है।


