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आर्किटेक्ट से विधायक और मंत्री बनने तक, जानें सत्येंद्र जैन का राजनीतिक सफर

दिल्ली विधानसभा चुनाव में शकूर बस्ती सीट से आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता चुनावी मैदान में हैं

आर्किटेक्ट से विधायक और मंत्री बनने तक, जानें सत्येंद्र जैन का राजनीतिक सफर
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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में शकूर बस्ती सीट से आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता चुनावी मैदान में हैं। वह वर्तमान में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार में सत्येंद्र जैन मंत्री भी रह चुके हैं। राजनीति में आने से पहले वह एक आर्किटेक्ट थे।

सत्येंद्र जैन का जन्म 3 अक्टूबर 1964 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ था। उनके पिता एक शिक्षक थे, जैन के जन्म के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया था। साल 1992 में जैन ने असोसिएट मेंबरशिप ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स से आर्किटेक्चर की पढ़ाई की। पढ़ाई खत्म होने के बाद जैन ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में नौकरी की। नौकरी के कुछ समय बाद अपनी आर्किटेक्चरल कंसल्टेंसी फर्म बनाने के लिए नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

सत्येंद्र जैन शुरू से ही समाज सेवा के कार्यों में रुचि रखते थे। जन लोकपाल बिल की मांग को लेकर दिल्ली में अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान उनकी मुलाकात अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से हुई थी। 2013 में जब अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना की, तो वह पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी के टिकट पर पहली बार साल 2013 में उन्होंने शकूर बस्ती से जीत दर्ज की और विधायक बने। इसके बाद, 2015 और 2020 के चुनाव में भी जैन ने इस सीट से जीत दर्ज की।

साल 2022 में सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया। जैन पर 16 करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप था। ईडी की जांच में यह सामने आया कि 2016 से 2022 के बीच इन कंपनियों ने 16 करोड़ रुपये का धन शोधन किया। उनके खिलाफ कई आपराधिक आरोप लगाए गए। 2022 में सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में बंद थे। इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ जिसमें वे जेल में मालिश कराते हुए दिखाई दिए थे। जेल में रहते हुए भी उन्होंने मंत्री की तनख्वाह ली, जिस पर भी विवाद हुआ।

इसके अलावा, सत्येंद्र जैन पर आप के पूर्व सदस्य कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। इसके अलावा, जैन पर 400 करोड़ रुपये के पानी टैंकर घोटाले में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया था।

सत्येंद्र जैन का दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वह दिल्ली के जल, ऊर्जा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए पहचाने जाते हैं। हालांकि, उनके खिलाफ लगे आरोप और उनकी गिरफ्तारी ने उनकी छवि पर असर डाला है।


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