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मध्य प्रदेश में अधिग्रहण के बदले विकसित भूमि मिलने के फैसले से किसान गदगद

मध्य प्रदेश में इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर में किसानों को कुल विकसित भूमि का 60 प्रतिशत हिस्सा आवंटित करने के निर्णय से किसान गदगद हैं

मध्य प्रदेश में अधिग्रहण के बदले विकसित भूमि मिलने के फैसले से किसान गदगद
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इंदौर। मध्य प्रदेश में इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर में किसानों को कुल विकसित भूमि का 60 प्रतिशत हिस्सा आवंटित करने के निर्णय से किसान गदगद हैं। इसको लेकर किसानों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार जताया है।

राज्य सरकार इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर विकसित करने जा रही है, इसके लिए कुल विकसित भूमि का 60 प्रतिशत हिस्सा किसानों को आवंटित करने के निर्णय से आस-पास के गांवों के ग्रामीण लाभान्वित होंगे।

प्रस्तावित योजना में कोडियाबर्डी, नैनोद, रिंजलाय, बिसनावदा, नावदा पंथ, श्रीराम तलावली, सिन्दोड़ा, सिन्दोड़ी, शिवखेड़ा, नरलाय, मोकलाय, डेहरी, सोनवाय, भैंसलाय, बागोदा, टीही और धन्नड़ जैसे गांवों के किसानों को लाभ मिलेगा। इसमें कुल 1290.74 हेक्टेयर भूमि का विकास किया जाएगा, जिसमें से किसानों को मुआवजे के बदले विकसित भूमि का 60 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा।

सरकार के इस फैसले से किसान गदगद हैं। उन्होंने बुधवार को इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर क्षेत्र के किसानों ने विकसित भूमि का 60 प्रतिशत हिस्सा आवंटित करने के राज्य सरकार के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार व्‍यक्‍त क‍िया। किसानों ने मुख्यमंत्री यादव से बुधवार को इंदौर एयरपोर्ट पर मिलकर उनका आभार जताया।

किसानों ने सरकार के महत्वपूर्ण निर्णय के लिए मुख्यमंत्री यादव का सम्मान करना चाहा, जिसे मुख्यमंत्री ने इंदौर गेर में हुए हादसे के कारण विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया। राज्य सरकार का यह निर्णय क्षेत्रीय विकास, अधोसंरचना निर्माण और किसानों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए लिया गया है। इससे क्षेत्र के समग्र विकास को गति मिलेगी और स्थानीय नागरिकों के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


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