किसानों की प्रदर्शन के लिए जगह मुहैया कराने की मांग, 6 दिसंबर को करेंगे दिल्ली कूच
हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों का जत्था बढ़ता नज़र आ रहा है। किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी कर ली है। 18 नवंबर को किसानों की बैठक में फैसला किया गया कि 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे

हरियाणा। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों का जत्था बढ़ता नज़र आ रहा है। किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी कर ली है। 18 नवंबर को किसानों की बैठक में फैसला किया गया कि 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की तरफ से हमारी अनदेखी की जा रही है। इस कारण हमने दिल्ली जाने का फैसला लिया है। किसान शंभू बॉर्डर से ही दिल्ली रवाना होंगे। इस बार अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जाएंगे लेकिन समूह में जाएंगे।
इसके साथ ही पंधेर ने सरकार से प्रदर्शन के लिए जगह मुहैया कराने की मांग की है। उन्होंने मोदी सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सरकार के पास 6 दिसंबर तक का समय है। अगर सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तो किसान पीछे नहीं हटेंगे। जत्थों के साथ दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार से हमने प्रदर्शन करने के लिए जंतर-मंतर और रामलीला ग्राउंड में जगह मांगी है। हमें मौका दे जिससे हम अपना पक्ष रख पाएं और सरकार हमें प्रदर्शन के लिए जगह मुहैया करवाए। यह अब सरकार पर है कि उन्हें किसानों पर बम फेंक कर बात खत्म करनी है या फिर बैठक के जरिए।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पहले ही 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा था कि उनकी कई मांगें, जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और खाद व फसल खरीद में पारदर्शिता शामिल है, अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। बता दें कि किसान लगभग 10 महीने से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तक सरकार ने उनकी नहीं सुनी। पिछली बार जब किसान दिल्ली कूच पर अड़े थे, तो प्रदर्शन हिंसात्मक हो गया था।


