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महाराष्ट्र में मिले जनमत के पीछे ईवीएम का प्रभाव : सचिन अहीर

शिवसेना (यूबीटी) नेता और विधायक सचिन अहीर ने शनिवार को महाविकास आघाडी के विधायक और उनके नेतृत्व पर अहम बयान दिया। समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि शनिवार को नए विधायकों की शपथ विधि होनी है, लेकिन महाविकास आघाडी के विधायकों की शपथ कब और कहां ली जाएगी, इस पर चर्चा हो रही है

महाराष्ट्र में मिले जनमत के पीछे ईवीएम का प्रभाव : सचिन अहीर
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मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता और विधायक सचिन अहीर ने शनिवार को महाविकास आघाडी के विधायक और उनके नेतृत्व पर अहम बयान दिया। समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि शनिवार को नए विधायकों की शपथ विधि होनी है, लेकिन महाविकास आघाडी के विधायकों की शपथ कब और कहां ली जाएगी, इस पर चर्चा हो रही है।

सचिन अहीर ने कहा कि शपथ तो हम लेंगे, लेकिन इस पर फैसला लिया जाना बाकी है। हमारे नेता एक साथ बैठकर इस पर चर्चा करेंगे और फिर तय करेंगे कि शपथ कब ली जाएगी। महाविकास आघाड़ी में शामिल तीनों दल बैठकर यह तय करेंगे कि हमें आगे क्या कदम उठाना है। चुनाव के परिणाम का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार के चुनावों में जो जनमत मिला है, वह जनाधार से नहीं, बल्कि ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के प्रभाव से आया है।

उन्होंने कहा कि ईवीएम पर सवाल उठाए गए हैं। महायुति में शामिल विधायकों ने भी इस पर शक जताया है। वह भी यह विश्वास नहीं कर पाए कि इतने विधायक जीतकर आए हैं। सचिन अहीर ने कहा कि जनमत और ईवीएम का मत अलग है और इस पर लोगों के मन में शंका है। हमें यह शंका दूर करने की आवश्यकता है।

वहीं, प्रदेश के नए डिप्टी सीएम अजित पवार को क्लीन चिट मिलने पर उन्होंने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं और अजित पवार को बधाई देते हैं। हम पहले से कहते आ रहे थे कि उन पर लगे आरोप गलत थे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि विपक्ष के लोगों को भी इसी तरह का न्याय मिले, जैसा कि अजित पवार को मिला है।

बता दें कि अजित पवार को बेनामी संपत्ति से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की बेनामी संपत्ति ट्रिब्यूनल ने आयकर विभाग द्वारा सीज उनकी संपत्ति मुक्त करने का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक, साल 2021 में आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के मामले में अजित पवार, उनके बेटे पार्थ पवार और पत्नी सुमित्रा पवार की संपत्ति सीज की थी। विभाग ने 7 अक्टूबर 2021 को विभिन्न कंपनियों पर छापेमारी के दौरान कुछ कागजात बरामद किए थे। उसका दावा था कि ये कागजात अजित परिवार और उनके परिवार की बेनामी संपत्तियों के थे। बेनामी रोकथाम अपीलीय न्यायाधिकरण ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके बाद आयकर विभाग ने न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ अपील की थी जिसे न्यायाधिकरण ने खारिज कर दिया।


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