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अकाली दल के नए अध्यक्ष का चुनाव आज, 10 जनवरी से ही खाली है पद

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नए अध्यक्ष का चुनाव आज होगा। इसके लिए पार्टी ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यह चुनाव अकाली दल की कार्यसमिति द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाएगा

अकाली दल के नए अध्यक्ष का चुनाव आज, 10 जनवरी से ही खाली है पद
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चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नए अध्यक्ष का चुनाव आज होगा। इसके लिए पार्टी ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यह चुनाव अकाली दल की कार्यसमिति द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।

शिअद के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने 16 नवंबर को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कुछ कारणों से उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया था। बाद में, 10 जनवरी को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया।

पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव 1 मार्च को होगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।

चुनाव से पहले पार्टी ने अपने सदस्यता अभियान को 20 जनवरी से 20 फरवरी तक चलाया था, जिसमें 25 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया था। पार्टी के नेताओं का मानना है कि यह सदस्यता अभियान संगठन को और मजबूत करेगा और पार्टी की ताकत बढ़ेगी।

सुखबीर बादल के इस्तीफे को पार्टी की कार्यसमिति ने मंजूर किया था। पार्टी प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने 10 जनवरी को यह जानकारी दी थी कि बादल का इस्तीफा कार्यसमिति की बैठक के बाद स्वीकृत किया गया। इस निर्णय के बाद से पार्टी में बदलाव की उम्मीदें बढ़ गई हैं और नए अध्यक्ष का चुनाव आज तय करेगा कि पार्टी की दिशा किस ओर जाएगी।

इससे पहले, 30 अगस्त, 2024 को सुखबीर बादल ने सक्रिय नेतृत्व से हटकर बलविंदर सिंह भुंदर के नेतृत्व में एक कार्यसमिति का गठन किया था, जो पार्टी के दैनिक कार्यों को देखेगी। यह निर्णय अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के निर्देशों के बाद लिया गया था, जिसमें शिअद से बादल के इस्तीफे को लागू करने का आदेश दिया गया था।

यह निर्णय दिसंबर की शुरुआत में अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के निर्देश के बाद लिया गया, जिसमें शिअद से बादल के इस्तीफे के संबंध में 2 दिसंबर के आदेश को लागू करने का आग्रह किया गया था। यह स्वीकृति पार्टी मुख्यालय में कार्यसमिति की बैठक के दौरान हुई।

अकाल तख्त ने 2 दिसंबर को 2007 से 2017 तक पंजाब में शिअद की सत्ता के दौरान हुई ‘गलतियों’ के लिए बादल एवं अन्य नेताओं को धार्मिक सजा सुनाई थी। पिछले साल 30 अगस्त को सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ अकाल तख्त ने बादल को 'तनखैया' घोषित किया था।


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