Top
Begin typing your search above and press return to search.

पश्चिम बंगाल विधानसभा से पारित अपराजिता विधेयक को कानून बनाने की मांग तेज, तृणमूल महिला कांग्रेस ने निकाली रैली

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के तहत पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित अपराजिता विधेयक को कानून में बदलने के लिए केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित को दक्षिण कोलकाता में तृणमूल महिला कांग्रेस ने एक रैली निकाली। यह रैली कोलकाता के जादवपुर से गोलपार्क तक निकाली गई

पश्चिम बंगाल विधानसभा से पारित अपराजिता विधेयक को कानून बनाने की मांग तेज, तृणमूल महिला कांग्रेस ने निकाली रैली
X

कोलकाता। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के तहत पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित अपराजिता विधेयक को कानून में बदलने के लिए केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित को दक्षिण कोलकाता में तृणमूल महिला कांग्रेस ने एक रैली निकाली। यह रैली कोलकाता के जादवपुर से गोलपार्क तक निकाली गई।

रैली में शामिल हुईं टीएमसी नेता प्रियदर्शनी हकीम ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ घटित दुखद घटना को लेकर हम कई बार सड़कों पर उतरे हैं। इस मामले में जल्द से जल्द न्याय मिले, इसके लिए ममता बनर्जी खुद सड़कों पर उतरी हैं। इसी को लेकर तृणमूल सरकार यहां विधानसभा में अपराजिता विधेयक लेकर आई है। जिसमें 30 दिन में चार्जशीट दाखिल करनी होगी और 90 दिन में न्याय देना होगा। इसे केंद्र सरकार को कानून में शामिल करना चाहिए, ताकि महिलाओं को जल्दी सम्मान मिले और वे सुरक्षित रह सकें। इसलिए आज हम सड़कों पर हैं।

टीएमसी नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य और राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जैसा कि हम पहले राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में तय कर चुके थे, आज हम केंद्र सरकार की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में पहले ही पारित इस विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्ताक्षर कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। यह विधेयक हमने सितंबर 2024 में विधानसभा में पारित किया था। इसलिए हम आज इस रैली में शामिल हैं और कल (रविवार) को धरने में भी भाग लेंगे।

बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में सितंबर में 'अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक' सर्वसम्मति से पारित हुए था। इस कानून के तहत बलात्कार और हत्या के मामलों में या बलात्कार के ऐसे मामलों में जहां पीड़िता को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है, आरोपी को मौत की सजा का प्रावधान है। हालांकि, इस विधेयक पर अभी राष्ट्रपति हस्ताक्षर नहीं हुई हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये विधेयक कानून बन जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it