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इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के वक्तव्य पर राज्यसभा में चर्चा की मांग

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज द्वारा दिए गए कथित विवादित बयान का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में उठया गया। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज द्वारा दिए गए वक्तव्य पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की। हालांकि सभापति ने इस विषय पर चर्चा की अनुमति नहीं दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के वक्तव्य पर राज्यसभा में चर्चा की मांग
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नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज द्वारा दिए गए कथित विवादित बयान का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में उठया गया। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज द्वारा दिए गए वक्तव्य पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की। हालांकि सभापति ने इस विषय पर चर्चा की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत इस पर चर्चा नहीं हो सकती। सभापति ने कहा कि इस संदर्भ में नियम बहुत स्पष्ट है जो कि हम ही लोगों द्वारा बनाया गया है।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने बीते दिनों प्रयागराज में आयोजित विश्व हिंदू परिषद की लीगल सेल के एक कार्यक्रम में यह कथित विवादित बयान दिया था। कांग्रेस की रेणुका चौधरी इसी बयान पर विरोध दर्ज कराते हुए सदन में इसकी चर्चा करना चाहती थीं लेकिन उनको इसकी अनुमति नहीं मिली। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्ष ने कई अन्य विषयों पर भी नियम 267 के तहत नोटिस दिए थे लेकिन उन सभी को अस्वीकृत कर दिया गया। इस पर विपक्ष ने अपनी आपत्ति जताई और सदन में हंगामा शुरू हो गया।

विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने पर नेता सदन व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि चेयर के निर्णय पर इस तरह से प्रश्न नहीं उठाए जा सकते। उन्होंने कहा यदि ऐसा किया जाता है तो यह आसन और सदन दोनों की अवमानना है। नड्डा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक प्रेस वार्ता करके आसन की निंदा की। यह गलत परंपरा को रास्ता दिखाता है और उनके इस कदम की निंदा की जानी चाहिए।

राज्यसभा के सभापति के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस मुद्दे पर बुधवार को इंडिया ब्लॉक के अधिकांश घटक दल एक साथ दिल्ली में एक मंच पर आए थे। यहां राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज सदन में नियम कम और राजनीति ज्यादा हो रही है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था कि मैं किसी दल का नहीं हूं। लेकिन हमें अफ़सोस है कि आज सभापति के पक्षपाती रवैये के कारण हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है। खड़गे ने कहा था कि सभापति प्रतिपक्ष के नेताओं को विरोधी के तौर पर देखते हैं।

जेपी नड्डा ने गुरुवार को राज्यसभा में यह भी कहा कि इंडियन नेशनल कांग्रेस के ऑफिशियल हैंडल राज्यसभा चेयरमैन को चीयर लीडर कहा गया है। इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। इसके साथ ही जेपी नड्डा ने एक बार फिर से सदन में कहा कि यह देश जानना चाहता है कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी का जॉर्ज सोरोस से क्या संबंध है। इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सत्ता पक्ष ऐसे आरोप सदन को भटकाने के लिए लगा रहा है।


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