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दिल्ली : स्कूलों को धमकी मामले में सुधांशु त्रिवेदी ने 'आप' को घेरा

दिल्ली के 400 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि धमकियां देने वाला व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि एक बच्चा था, जो इन स्कूलों को मेल करके धमकियां भेज रहा था

दिल्ली : स्कूलों को धमकी मामले में सुधांशु त्रिवेदी ने आप को घेरा
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नई दिल्ली। दिल्ली के 400 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि धमकियां देने वाला व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि एक बच्चा था, जो इन स्कूलों को मेल करके धमकियां भेज रहा था। पता चला है कि आरोपी बच्चे के पिता एक एनजीओ से जुड़े हुए हैं, जिसका कनेक्शन अफजल गुरु से है। अब भाजपा इस मामले में आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रही है।

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आम आदमी पार्टी से इस मामले में सीधा और स्पष्ट जवाब अपेक्षित है कि ऐसी घटनाओं में जो लोग शामिल हैं, उनसे उसका क्या संबंध है? क्या उनके साथ उनका कोई पूर्व संबंध रहा है?

उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट है कि कुछ तथाकथित एनजीओ जो देश के लिए खतरनाक कार्य कर रहे हैं, उनका संबंध आम आदमी पार्टी से बहुत पुराना है। इन एनजीओ के माध्यम से बच्चों के मन में जो जहर भरा जा रहा है, उसका प्रभाव आने वाले समय में शहर और देश पर घातक हो सकता है। इसलिए, आप से इस मामले में सीधा और स्पष्ट जवाब अपेक्षित है कि ऐसी घटनाओं में जो लोग शामिल हैं, उनसे उसका क्या संबंध है? क्या उनके साथ उनका कोई पूर्व संबंध रहा है? उनकी मुख्यमंत्री के परिवार से भी कुछ ऐसे लोग संबंध रखते थे, जिन्होंने ऐसी गतिविधियों का समर्थन किया था।"

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार में रहते हुए आप ने "टुकड़े-टुकड़े गैंग" के नारों को बढ़ावा दिया और महीनों तक अदालती कार्यवाही को रोकने की कोशिश की। अब सवाल यह उठता है कि आप का इन लोगों से क्या संबंध है? अगर वे इस संबंध में कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते हैं, तो इसे मौन स्वीकृति माना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राजनीति का यह पुराना ढांचा है कि आरोपों के बावजूद नेता हमेशा इनकार करते रहे हैं। जैसे लालू प्रसाद यादव, शिबू सोरेन, करुणानिधि और सुरेश कलमाड़ी ने जेल जाने के बाद भी इनकार किया था कि उनका किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है। यही पुरानी राजनीति की पहचान है। और अब वही चीज आम आदमी पार्टी में भी देखी जा रही है, जो खुद को नई राजनीति का पैरोकार मानती है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की स्थिति अब उतनी मजबूत नहीं रह गई है। उनका नेतृत्व, जो कभी लोगों को नए बदलाव का सपना दिखाता था, अब उन दीवारों की तरह गिरता हुआ प्रतीत हो रहा है जिनका अंत नजदीक है।


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