Top
Begin typing your search above and press return to search.

दिल्ली चुनाव : नांगलोई जाट विधानसभा में कांग्रेस, भाजपा और 'आप' तीनों पार्टियां चख चुकी हैं जीत का स्वाद

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियाें भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिल रही है

दिल्ली चुनाव : नांगलोई जाट विधानसभा में कांग्रेस, भाजपा और आप तीनों पार्टियां चख चुकी हैं जीत का स्वाद
X

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियाें भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिल रही है।

उत्तर-पश्चिम दिल्ली के अंतर्गत आने वाली 10 विधानसभा सीटों में से एक 'नांगलोई जाट' विधानसभा सीट भी है। इस सीट पर आप, कांग्रेस और भाजपा के बीच रोमांचक लड़ाई है। 'नांगलोई जाट' विधानसभा सीट, दिल्ली की उन चुनिंदा विधानसभा सीटों में से एक है, जिसमें भाजपा, कांग्रेस और आप तीनों पार्टियों को जीत नसीब हुई है।

'नांगलोई जाट' विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल चार वार्ड आते हैं। जिसमे ज्वालापुरी, नांगलोई जाट, निहाल विहार और गुरु हरकिशन नगर शामिल हैं।

'नांगलोई जाट' विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2,26,043 है, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,43,122, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1,20,875 है। वहीं 46 थर्ड जेंडर के वोटर्स हैं। अगर जातीय समीकरण की बात करें तो क्षेत्र में यादव और जाट मतदाताओं का बोलबाला रहता है। इस क्षेत्र से ब्राह्मण विधायक भी रह चुका है, जिससे पता चलता है कि लोग जाति और धर्म से ऊपर उठकर मतदान करते हैं।

'नांगलोई जाट', पश्चिम विहार, आउटर रिंग रोड और नफजगढ़ से घिरा हुआ है। अगर इलाके की प्रमुख समस्याओं की बात करें तो लोगों को जाम की समस्या से अक्सर जूझना पड़ता है। इसके अलावा अवैध पार्किंग, पार्कों की कमी, कूड़ा घरों की कमी और सड़कों पर बहता पानी लोगों के परेशानी का सबब है।

'नांगलोई जाट' के चुनावी इतिहास की बात करें तो 1993 से यहां पर विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इस सीट से पहली जीत भाजपा को नसीब हुई। 1998 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रेम चंद यहां से विधायक चुने गए। 2003 में कांग्रेस ने बिजेंद्र सिंह के नाम पर इस जीत को दोहराया और फिर उन्होंने 2008 विधानसभा चुनाव में पार्टी की हैट्रिक जीत के साथ वापसी कराई।

2013 में भारतीय जनता पार्टी 20 साल बाद नांगलोई विधानसभा सीट पर वापस पाने में कामयाब रही। भाजपा प्रत्याशी मनोज कुमार शौकीन, दो बार से विधायक रहे कांग्रेस नेता बिजेंद्र सिंह को मात दी। 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने मुकाबले को त्रिकोणीय रूप दे दिया। आप प्रत्याशी रघुविंदर शौकीन ने 83,259 वोट पाकर एकतरफा जीत दर्ज की। दूसरे नंबर पर 46,235 वोट के साथ भाजपा के मनोज कुमार शौकीन रहे। वहीं कांग्रेस के डॉ. बिजेंद्र सिंह को 15,756 वोट मिले।

2020 विधानसभा चुनाव में आप, रघुविंदर शौकीन के चेहरे पर जीत दोहराने में कामयाब रही। उनको 74,444 मत मिले। दूसरे नंबर पर 62,820 वोट के साथ भाजपा की सुमन लता रहीं। वहीं, कांग्रेस के मनदीप सिंह को 9,761 वोट मिले।

इस विधानसभा चुनाव में 'नांगलोई जाट' विधानसभा पर कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। आप ने दिल्ली के परिवहन मंत्री रघुविंदर शौकीन पर तीसरी बार भरोसा जताया है। वो खुद और पार्टी को रिकॉर्ड तीसरी बार जीत दिलाने के लिए मैदान में हैं। वहीं, भाजपा ने मनोज शौकीन पर एक बार फिर दांव चला है, जिन्होंने 2013 में जीत दर्ज की थी। कांग्रेस, रोहित चौधरी के भरोसे लंबे समय बाद सीट पर जीत से साथ वापसी करना चाहेगी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it