Top
Begin typing your search above and press return to search.

‘बेटी बचाओ’ के नाम पर बेटियों के साथ हो रहा है छल: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का 'बेटी बचाओ नारा' देश की बेटियों के साथ छलावा है और इसके तहत बेटियों की सुरक्षा के लिए केंद्र से आवंटित धनराशि का प्रचार प्रसार में इस्तेमाल किया जा रहा है

‘बेटी बचाओ’ के नाम पर बेटियों के साथ हो रहा है छल: खरगे
X

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का 'बेटी बचाओ नारा' देश की बेटियों के साथ छलावा है और इसके तहत बेटियों की सुरक्षा के लिए केंद्र से आवंटित धनराशि का प्रचार प्रसार में इस्तेमाल किया जा रहा है।

खरगे ने कहा कि ‘बेटी बचाओ नारा’ के लिए जो राशि केंद्र सरकार से आवंटित हुई है, उसका 80 फ़ीसदी विज्ञापनों पर खर्च किया गया और जब संसदीय समिति ने इसको पकड़ा तथा इस असलियत का खुलासा करते हुए इस पर सवाल उठाए तो आनन फानन में दूसरी मदों से पैसा समाहित कर 'बेटी बचाओ' कार्यक्रम पर लीपा पोती करने का प्रयास किया गया।

उन्होंने कहा, “बेटी बचाओ के दस साल, मोदी जी से हमारे तीन सवाल —'बेटी बचाओ' की जगह 'अपराधी बचाओ' की नीति भाजपा ने क्यों अपनाई। मणिपुर की महिलाओं को न्याय कब मिलेगा। हाथरस की दलित बेटी हो या उन्नाव की बेटी, या फ़िर हमारी चैंपियन महिला पहलवान, भाजपा ने हमेशा अपराधियों को संरक्षण क्यों दिया। दूसरा , क्यों देश में हर घंटे महिलाओं के ख़िलाफ़ 43 अपराध रिकॉर्ड होते हैं। हर दिन 22 अपराध ऐसे हैं जो हमारे देश के सबसे कमज़ोर दलित-आदिवासी वर्ग की महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ दर्ज होते हैं। मोदी जी लाल क़िले के भाषणों में कई बार महिला सुरक्षा पर बोल चुके हैं, पर कथनी और करनी में फ़र्क क्यों। तीसरा, क्या कारण है कि 2019 तक 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के लिए आवंटित कुल धनराशि का क़रीब 80 प्रतिशत केवल मीडिया-विज्ञापन में ख़र्च हुआ है।”

उन्होंने कहा, “जब संसदीय स्थायी समिति ने ये तथ्य उजागर किया, तब इस योजना में इस्तेमाल किये गए फंड में 2018-19 से 2022-23 तक 63 प्रतिशत की भारी कटौती की गई और बाद में इसको 'मिशन शक्ति' के अंतर्गत 'संबल' नामक स्कीम में मिला कर के, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना पर खर्च किये आँकड़े ही मोदी सरकार ने देने बंद कर दिए। 'संबल' के 2023-24 के आवंटित फंड और उपयोग किये गए फंड में भी 30 प्रतिशत की कटौती हुई है। ये आँकड़ों की हेराफ़ेरी क्या छिपाने के लिए की गई।”

खरगे ने पूछा, “पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पर ख़र्च हुआ बजट, पूरे बजट के खर्च की तुलना में आधा क्यों कर दिया। क्या हर ट्रक के पीछे 'बेटी बचाओ' चिपकाने या फ़िर हर दीवार पर ये पेंट करवा देने से महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध, उनके लिए रोज़गार के अवसर, उनको अच्छी स्वास्थ्य सुविधा या महिलाओं को अत्याचार के बाद न्याय मिलेगा। भाजपा का 'बहुत हुआ नारी पर वार' वाला खोखला विज्ञापन, 10 साल बाद उसका घोर दोगलापन दर्शाता है।”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it