संविधान दिवस सच्चे मन से निभाने वाला फर्ज, कोई दिखावटी सालाना जलसा नहीं: अखिलेश यादव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान ही संजीवनी है

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान ही संजीवनी है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तंज कसते हुए लिखा, "संविधान को मानना और उसके दिखाए रास्ते पर चलना ही सबसे बड़ा उत्सव है। ये हर दिन सच्चे मन से निभाने वाला फर्ज है, कोई दिखावटी सालाना जलसा नहीं। एक तरफ भाजपा संविधान को ताक पर रखकर मनमानी करना चाहती है, तो दूसरी तरफ दिखावा करना चाहती है। भाजपा का ये राजनीतिक दोहरापन देश और देशवासियों के लिए घातक है। जब संविधान के मान-सम्मान और उसे व्यवहार में लाने के संबंध में हालात बद से बदतर हो रहे हैं, संविधान का हर दिन तिरस्कार-अपमान हो रहा है, ऐसे में उत्सव मनाना हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है। उत्सव में ढोंग नहीं होना चाहिए।"
संविधान को मानना और उसके दिखाए रास्ते पर चलना ही सबसे बड़ा उत्सव है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 26, 2024
ये हर दिन सच्चे मन से निभाने वाला फ़र्ज़ है, कोई दिखावटी सालाना जलसा नहीं।
एक तरफ़ भाजपा संविधान को ताक पर रखकर मनमानी करना चाहती है, तो दूसरी तरफ़ दिखावा करना चाहती है। भाजपा का ये राजनीतिक दोहरापन देश और… pic.twitter.com/sVm4Vw49Xa
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर अपने संदेश में कहा,"भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं।"
संविधान दिवस भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है । इस दिन 1949 में भारत की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था, जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।
साल 2015 में बाबा साहब अंबेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुंबई में स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी की आधारशिला रखते हुए हर साल संविधान दिवस मनाने घोषणा की गई थी। जिसके बाद 19 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान में निहित मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय की घोषणा की थी।


