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कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रपति के पद की मर्यादा का आदर किया, हमारे नेता कभी अपमान नहीं कर सकते: मल्लिकार्जुन खड़गे

संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण के बाद कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने मीडिया के सामने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'पुअर लेडी' यानी बेचारी महिला बताया है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सोनिया गांधी की टिप्पणी पर कांग्रेस पर निशाना साधा। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति का अपमान तो मोदी सरकार ने उसी दिन कर दिया था, जब नई संसद के उद्घाटन समारोह में उन्हें नहीं बुलाया था

कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रपति के पद की मर्यादा का आदर किया, हमारे नेता कभी अपमान नहीं कर सकते: मल्लिकार्जुन खड़गे
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नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण के बाद कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने मीडिया के सामने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'पुअर लेडी' यानी बेचारी महिला बताया है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सोनिया गांधी की टिप्पणी पर कांग्रेस पर निशाना साधा। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति का अपमान तो मोदी सरकार ने उसी दिन कर दिया था, जब नई संसद के उद्घाटन समारोह में उन्हें नहीं बुलाया था।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान तो मोदी सरकार ने उसी दिन कर दिया था जब नई संसद के उद्घाटन समारोह में उन्हें नहीं बुलाया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व हमारे नेता कभी भी राष्ट्रपति या किसी भी नागरिक का अपमान नहीं कर सकते हैं। ये हमारी संस्कृति नहीं है। लोकतंत्र के मंदिर और राम मंदिर- दोनों से हमारी मौजूदा राष्ट्रपति और पिछले राष्ट्रपति को भाजपा ने ही जान बूझकर दूर रखा था।"

खड़गे ने आगे कहा, "आज आर्थिक सर्वेक्षण ने मोदी सरकार को "सच्चाई का आईना" दिखाया है। अर्थव्यवस्था की दुर्दशा को छिपाने के लिए, भाजपा नेता और मीडिया का एक अंश, सोनिया गांधी के वाक्यांश को तोड़-मरोड़ रहें हैं। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा राष्ट्रपति के पद की मर्यादा का आदर किया है।"

बता दें कि सोनिया गांधी की टिप्पणी पर भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर सोनिया गांधी का वक्तव्य अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की राष्ट्रपति जो कि आदिवासी समाज से आती हैं वह कभी भी ‘बेचारी’ और ‘थकी’ हुई नहीं हो सकती हैं। द्रौपदी मुर्मू सशक्त और सबल हैं। वो भारत की गौरव हैं।

वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी का बयान घोर निंदनीय है। यह बयान कांग्रेस की सामंतवादी सोच, उनके अहंकार और एक अनुसूचित जनजाति समाज से आने वाली राष्ट्रपति के प्रति उनकी कुंठा को जाहिर करता है। कांग्रेस की सोच हमेशा से एससी-एसटी-ओबीसी विरोधी रही है। उसी सोच को कांग्रेस ने एक बार फिर दिखाया है। कांग्रेस नेताओं को बर्दाश्त ही नहीं हो पा रहा कि देश के सर्वोच्च पदों पर दलित, वंचित और पिछड़ा समाज के लोग कैसे बैठ रहे हैं!"

उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस ने न सिर्फ एसटी समाज बल्कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान किया है, एक महिला का अपमान किया है, ओडिशा का अपमान किया है। राष्ट्रपति पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कांग्रेस पार्टी को माफी मांगनी चाहिए।"

बता दें कि शुक्रवार को संयुक्त अभिभाषण में हिस्सा लेने के बाद मीडिया के सामने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मौजूद थे। तीनों आपस में बात कर रहे थे। इसी दौरान अपनी मां को देखते हुए राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण को 'बोरिंग' बताया।

इधर सोनिया गांधी ने कहा कि इसमें कुछ नया नहीं था। पुरानी चीजों को रिपीट किया गया है। सोनिया ने प्रियंका गांधी की ओर जाते हुए कहा कि राष्ट्रपति काफी थक गई थी। वो बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थीं। उन्होंने उन्हें पुअर लेडी कह दिया।

बता दें कि शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ संसद का बजट सत्र से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार के कामों को गिनाया।


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