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झारखंड में ईडी की रेड को सीएम हेमंत और उनके मंत्रियों ने राजनीति से प्रेरित बताया

झारखंड में जल जीवन मिशन में घोटाले को लेकर 20 से भी अधिक ठिकानों पर चल रही ईडी की छापेमारी को सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर और बन्ना गुप्ता ने राजनीति से प्रेरित करार दिया है

झारखंड में ईडी की रेड को सीएम हेमंत और उनके मंत्रियों ने राजनीति से प्रेरित बताया
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रांची। झारखंड में जल जीवन मिशन में घोटाले को लेकर 20 से भी अधिक ठिकानों पर चल रही ईडी की छापेमारी को सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर और बन्ना गुप्ता ने राजनीति से प्रेरित करार दिया है।

सीएम सोरेन से मीडिया ने इन छापों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यह अप्रत्याशित नहीं है। चुनाव आ गया है। विपक्षी पार्टी के लोग लग गए हैं।

वहीं, राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा, "यह भाजपा द्वारा कराई जा रही राजनीतिक रेड है। मुझ पर भाजपा में शामिल होने का दबाव दिया जा रहा था। मैंने इनकार कर दिया तो भाजपा की ओर से यह रेड कराई जा रही है। मैं टूट जाऊंगा, लेकिन झुकूंगा नहीं। भाजपा में शामिल नहीं होऊंगा।"

मिथिलेश ठाकुर ने आगे कहा, "चुनाव नजदीक आता देखकर और खुद की खराब स्थिति देख यह सब कुछ कराया जा रहा है। मैं तो ईडी से कहूंगा कि वह आज शाम तक खुलासा करे कि इनको मेरे पीएस और मेरे आवास पर क्या कुछ मिला। उन्हें बताना चाहिए कि कितने रुपए और कितनी संपत्ति उन्हें रेड में मिली और क्या कागजात मिले।"

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी इस प्रकरण में मीडिया से बात करते हुए कहा, "सारी चीज़ें कहीं न कहीं राजनीति से प्रेरित हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस तरह की चीज़ें हो रही हैं। लेकिन, इससे भाजपा को कोई नफा नहीं होगा। जितना ज़ुल्म होगा, हम उतना मजबूत होंगे। आने वाले चुनाव में जनता को तय करना है कि कौन सही है, कौन गलत है। हम ना झुके हैं, ना झुकेंगे, डटकर लड़े थे, डटकर लड़ेंगे।"

बता दें कि झारखंड में रांची, चाईबासा और जमशेदपुर में मंत्री मिथिलेश ठाकुर के पीएस हरेंद्र कुमार, उनके भाई विनय ठाकुर, आईएएस मनीष रंजन, उनकी बहन सहित 15 लोगों के ठिकानों पर ईडी की टीम सोमवार सुबह से छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी जल जीवन मिशन में करोड़ों के घोटाले को लेकर हो रही है।

इस मामले में रांची के सदर थाना में जल जीवन मिशन के तहत केस दर्ज हुआ था। करोड़ों रुपए के पाइपलाइन घोटाले में विभाग के कैशियर संतोष कुमार की अप्रैल, 2024 में गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी के दौरान संतोष के घर से 50 लाख रुपए से अधिक बरामद हुए थे।


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