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पटना में प्रदर्शनकारी छात्रों की पिटाई को चिराग पासवान ने बताया गलत, कहा-पुलिस अधिकारियों पर हो कार्रवाई

बीपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों के जारी प्रदर्शन को लेकर अब बयानबाजियों का दौर जारी है

पटना में प्रदर्शनकारी छात्रों की पिटाई को चिराग पासवान ने बताया गलत, कहा-पुलिस अधिकारियों पर हो कार्रवाई
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पटना। बीपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों के जारी प्रदर्शन को लेकर अब बयानबाजियों का दौर जारी है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज को गलत बताया है।

उन्होंने कहा कि कल (रविवार) को पटना में हुए छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल का मैं कभी समर्थक नहीं रहा, पुलिस को संयम बरतना चाहिए। छात्र अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हैंं, तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से समझा कर उनकी समस्याओं के निदान के लिए प्रयास करना चाहिए, न कि लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैंने मुख्यमंत्री से इस बात को भी कहा है कि ऐसे पुलिस अधिकारी जो ऐसे कार्यों में संलिप्त पाए जाते हैं, उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।" मंत्री चिराग पासवान ने सोमवार को अपने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "बिहार के युवाओं और बीपीएससी अभ्यर्थियों के मुद्दों को लेकर एनडीए सरकार के प्रमुख सहयोगी होने के नाते मैंने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तुरंत हस्तक्षेप की अपील की है, इसके परिणामस्वरूप सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने अभ्यर्थियों और छात्रों के साथ संवाद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही इस पहल के सार्थक परिणाम दिखेंगे। यह हमारी सरकार की सकारात्मक सोच और छात्रों के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है।"

उन्होंने हालांकि अभ्यर्थियों से भी शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीके से अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखने की अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी राजनीतिक व्यक्तियों के बहकावे में आने से बचें। उन्होंने छात्रों को भरोसा देते हुए कहा कि लोजपा (रामविलास) हर कदम पर युवाओं के साथ खड़ी है।

इधर, बिहार के मंत्री सुनील कुमार ने बीपीएससी पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बयान से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता भी अपनी बात कर रहे हैं, उनका यह अधिकार है। लेकिन, इस मामले में बीपीएससी गहराई से जांच करेगा और वही निर्णय लेगा।


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