Top
Begin typing your search above and press return to search.

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन बना रहा बांध, सिंचाई और बिजली परियोजना प्रभावित होंगी : प्रमोद तिवारी

चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने 21 सेकंड के वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल पूछे हैं

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन बना रहा बांध, सिंचाई और बिजली परियोजना प्रभावित होंगी : प्रमोद तिवारी
X

नई दिल्ली। चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने 21 सेकंड के वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल पूछे हैं।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बांध बनाए जाने से पूर्वोत्तर राज्यों की सिंचाई और बिजली परियोजना प्रभावित होंगी। विदेश मंत्रालय कुछ कहती है और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी कुछ कहते हैं। मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी को देश की सेना पर भरोसा करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "आज लद्दाख में चीन ने हमारी भूमि पर दो काउंटी बना रहा है। यही स्थिति अरुणाचल प्रदेश में भी है। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार को भारत की सेनाओं पर विश्वास करना होगा और भारत की भूमि पर हो रहे कब्जे को लेकर दृढ़ता और मजबूती से कदम उठाना होगा।"

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते, चीन ने भारत की सीमा से लगे झिंजियांग प्रांत में दो नए काउंटी बनाने की घोषणा की थी। होटन प्रीफेक्चर में बनने वाली हेआन काउंटी और हेकांग काउंटी, अक्साई चीन के कुछ हिस्सों को कवर करती हैं, जो लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा है जिस पर 1950 के दशक से चीन ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

इस पर भारत की ओर से सख्त ऐतराज जताया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने चीन के होटन प्रीफेक्चर में दो नई काउंटियों की स्थापना से संबंधित घोषणा देखी है। इन तथाकथित काउंटियों के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं।'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हमने इस इलाके में भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। नई काउंटियों के निर्माण से न तो इस क्षेत्र पर हमारी संप्रभुता के बारे में भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा और न ही चीन के अवैध-जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी। हमने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it