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केंद्र सरकार डब्ल्यूपीआई में करेगी बदलाव, बनाया वर्किंग ग्रुप

सरकार द्वारा गुरुवार को ऐलान किया गया कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) की वर्तमान सीरीज के आधार को 2011-12 से 2022-23 तक संशोधित करने के लिए नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है

केंद्र सरकार डब्ल्यूपीआई में करेगी बदलाव, बनाया वर्किंग ग्रुप
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नई दिल्ली। सरकार द्वारा गुरुवार को ऐलान किया गया कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) की वर्तमान सीरीज के आधार को 2011-12 से 2022-23 तक संशोधित करने के लिए नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है।

वर्किंग ग्रुप को अपनी अंतिम रिपोर्ट आर्थिक सलाहकार के ऑफिस को 18 महीने के अंदर जमा करने को कहा गया है।

वर्किंग ग्रुप के सदस्यों में आरबीआई, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग, सांख्यिकी मंत्रालय, उपभोक्ता मामलों के विभाग, कृषि विभाग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष को भी इसका सदस्य नियुक्त किया गया है।

गैर-आधिकारिक सदस्यों में अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य शमिका रवि, क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के एमडी नीलेश शाह और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के सह-प्रमुख एवं अर्थशास्त्री इंद्रनील सेनगुप्ता शामिल हैं।

वर्किंग ग्रुप अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तनों के संदर्भ में आधार वर्ष 2022-23 के साथ डब्लूपीआई और पीपीआई (उत्पादक मूल्य सूचकांक) की कमोडिटी बास्केट के लिए सुझाव जैसे विषयों पर भी कार्य करेगा।

वर्किंग ग्रुप मूल्य संग्रहण की मौजूदा प्रणाली की समीक्षा करेगा और सुधार के लिए सुझाव देगा।

यह डब्ल्यूपीआई/पीपीआई के लिए अपनाई जाने वाली गणना पद्धति पर भी निर्णय लेगा और मूल्य एवं जीवन-यापन लागत की सांख्यिकी पर तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा अप्रूव्ड की पीपीआई के कलेक्शन की पद्धति की जांच करेगा, संकलन और प्रस्तुति में आगे सुधार का सुझाव देगा। डब्ल्यूपीआई से पीपीआई पर स्विच करने के लिए रोडमैप की सिफारिश करेगा।

वर्किंग ग्रुप अब तक अपनाई गई लिंकिंग फैक्टर की गणना की विधि की आगे जांच करेगा। अगर जरूरी हुई तो लिंकिंग फैक्टर की गणना की विधि में उचित परिवर्तन का सुझाव देगा।

इसके अलावा वर्किंग ग्रुप डब्लूपीआई/पीपीआई की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए आवश्यक किसी भी अन्य सुधार का सुझाव दे सकता है।

अगर यह जरूरी होता है तो वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष को अन्य एजेंसियों से विशेषज्ञों को चुनने की अनुमति है।


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