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नए साल पर केंद्र ने दिया किसानों को तोहफा, खाद पर सब्सिडी बढ़ी

नए साल में मोदी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक किसानों के नाम रही है। साल के पहले दिन बुधावार को हुई बैठक में डीएपी फर्टिलाइजर के लिए स्पेशल पैकेज को मंजूरी दी गई। इसके तहत फर्टिलाइजर बनाने वाली कंपनियों को सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा यह सब्सिडी (स्पेशल पैकेज) 31 दिसंबर 2025 तक दी गई है

नए साल पर केंद्र ने दिया किसानों को तोहफा, खाद पर सब्सिडी बढ़ी
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नई दिल्ली। नए साल में मोदी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक किसानों के नाम रही है। साल के पहले दिन बुधावार को हुई बैठक में डीएपी फर्टिलाइजर के लिए स्पेशल पैकेज को मंजूरी दी गई। इसके तहत फर्टिलाइजर बनाने वाली कंपनियों को सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा यह सब्सिडी (स्पेशल पैकेज) 31 दिसंबर 2025 तक दी गई है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि किसानों को डीएपी का 50 किलो का बैग 1,350 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा। यह 'वन टाइम पैकेज' काफी महत्वपूर्ण है। पड़ोस के देशों में डीएपी का 50 किलो का बैग तीन हजार रुपये से ज्यादा में मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में भले ही कैसे भी स्थिति आ जाए हमें अपने किसानों को सुरक्षित करना है। उनके ऊपर बोझ नहीं डालना है।

उन्होंने राज्य सरकारों से अपील की है कि डीएपी के नाम पर कुछ लोग किसानों को ठगने का प्रयास करेंगे। मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि अगर कोई ऐसा करते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस पैकेज पर लगभग 3,850 करोड़ रुपये की लागत होगी। साल 2014 से लेकर अब तक कोविड-19 का वह दौर भी आया जब स्थिति काफी खराब थी। लेकिन, हमारी सरकार और पीएम मोदी ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव का खामियाजा न उठाना पड़े। 2014-24 तक उर्वरक सब्सिडी 11.9 लाख करोड़ रुपये थी जो 2004-14 के दौरान दी गई सब्सिडी से दोगुनी से भी अधिक है।

कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दी। इस निर्णय से 2025-26 तक देश भर के किसानों के लिए न रोकी जा सकने वाली प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के जोखिम कवरेज में मदद मिलेगी। इसके अलावा, योजना के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के उपयोग से पारदर्शिता और दावा गणना और निपटान में वृद्धि होगी। इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 824.77 करोड़ रुपये की राशि के साथ नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (एफआईएटी) के निर्माण को भी मंजूरी दी है।


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