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कैबिनेट ने असम में 10,600 करोड़ रुपये की यूरिया उर्वरक परियोजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को असम में एक नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कॉम्प्लेक्स स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

कैबिनेट ने असम में 10,600 करोड़ रुपये की यूरिया उर्वरक परियोजना को मंजूरी दी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को असम में एक नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कॉम्प्लेक्स स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) यूरिया होगी और इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 10,601.40 करोड़ रुपये होगी।

नई परियोजना असम के नामरूप में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के मौजूदा परिसर में स्थापित की जाएगी।

कैबिनेट बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, नामरूप-IV परियोजना के शुरू होने में करीब 48 महीने का समय लगेगा। इस परियोजना को ज्वाइंट वेंचर के तहत बनाया जाएगा। इसमें डेट टू इक्विटी रेश्यो 70:30 का होगा।

बयान में आगे कहा गया कि प्रस्तावित ज्वाइंट वेंचर में असम सरकार की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, बीवीएफसीएल की 11 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की 13 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) की 18-18 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

इस परियोजना से देश में घरेलू यूरिया उत्पादन क्षमता (खासकर पूर्वोत्तर क्षेत्र में) बढ़ेगी। इससे पूर्वोत्तर, बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में यूरिया उर्वरकों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा।

नामरूप-IV परियोजना में ऊर्जा की खपत अन्य के मुकाबले कम होगी। इससे क्षेत्र के लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी खुलेंगे।

इसके अलावा, यह परियोजना देश में यूरिया के मामले में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगी।

इसके अलावा, कैबिनेट ने महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट(पगोटे) से चौक (29.219 किमी) तक 6 लेन वाले ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड नेशनल हाईवे के निर्माण को मंजूरी दी है।

इस परियोजना का विकास बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर (बीओटी) मोड में किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 4,500.62 करोड़ रुपये होगी।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट को क्षेत्र की कनेक्टिविटी आवश्यकताओं को पूरा करने और जेएनपीए पोर्ट और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए तैयार किया जाएगा।

नेशनल हाईवे जेएनपीए पोर्ट (एनएच 348) (पगोटे गांव) से शुरू होता है और मुंबई-पुणे राजमार्ग (एनएच-48) पर समाप्त होता है। यह मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा नेशनल हाईवे (एनएच-66) को भी जोड़ता है।


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