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भाजपा-आरएसएस संविधान विरोधी, केंद्र की नीतियों ने बढ़ाई नफरत : अखिलेश प्रसाद सिंह

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों ने देश में नफरत बढ़ाई है

भाजपा-आरएसएस संविधान विरोधी, केंद्र की नीतियों ने बढ़ाई नफरत : अखिलेश प्रसाद सिंह
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पटना। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों ने देश में नफरत बढ़ाई है।

डॉ. सिंह ने रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सदाकत आश्रम में झंडोत्तोलन के बाद अपने संबोधन में कहा कि संविधान निर्माण के बाद बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 1949 में नई दिल्ली में कहा था कि संविधान चाहे जितना अच्छा हो वह तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक उसका पालन करने वाले लोग अच्छे न हों। आज के समय में डॉ. अंबेडकर की यह बात पूरी तरह से सही साबित हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में भाजपा संविधान को मानने को तैयार नहीं है और लोकतंत्र पर वह विश्वास नहीं करती। भाजपा और आरएसएस नफरत और भेदभाव की राजनीति कर रहे हैं और बार-बार संविधान को बदलने की बात करते हैं।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा और आरएसएस को संविधान विरोधी बताया और कहा कि भाजपा और आरएसएस की रगों में संविधान के खिलाफ नफरत भरी पड़ी है। आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक के.एस. सुदर्शन ने एक साक्षात्कार में कहा था, "हम भारत के संविधान को स्वीकार नहीं करते, इसकी समीक्षा होनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि संविधान लागू होने के बाद से ही आरएसएस के लोग इसका विरोध करते आए हैं, जैसे उन्होंने महात्मा गांधी का विरोध किया था। उनकी विचारधारा तिरंगे पर उंगली उठा चुकी है और आरएसएस ने 1950 से 2002 तक अपने मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया और उसका अपमान किया। वहीं, भाजपा के नेता लोकसभा चुनाव 2024 में 400 सीटें जीतने के बाद संविधान बदलने की बात करते हैं।

डॉ. सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का सदन में अपमान करने का आरोप लगया और कहा कि दिखावे के लिए ये भले ही संविधान को माथे से लगाते हों लेकिन इनके मन में इसके प्रति नफरत है। संविधान भारत की आत्मा है और कांग्रेस पार्टी इसे हर कीमत पर बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज देश एक संक्रमण काल से गुजर रहा है। मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में नफरत का माहौल बन रहा है। बेरोजगारी और महंगाई में लगातार वृद्धि से निम्न और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए जीवन कठिन हो गया है। मोदी सरकार ने पिछले दस वर्षों में सिर्फ अपने अमीर मित्रों का ख्याल रखा और विनिर्माण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का हिस्सा 60 वर्षों के सबसे निचले स्तर तक गिर गया, जिसके कारण लोगों को रोजगार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मोदी सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला और कहा कि कृषि क्षेत्र में गलत नीतियों के कारण किसानों और खेत मजदूरों की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। अब ये लोग मुश्किल से अपना गुजारा कर पा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में श्रमिकों की वास्तविक आमदनी या तो स्थिर है या घट चुकी है। हानिकारक जीएसटी और इनकम टैक्स की मार ने गरीब और मध्यम वर्ग की जिंदगी को बेहाल कर दिया है, जबकि सरकार बड़े कॉर्पोरेट्स का कर्ज माफ कर रही है। अमृतकाल अब विषकाल में बदल चुका है।

इस मौके पर कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता डॉ. मदन मोहन झा, पूर्व अध्यक्ष प्रो. रामजतन सिन्हा, डॉ. शकील अहमद, कौकब कादरी, डॉ. समीर कुमार सिंह, श्याम सुन्दर सिंह धीरज, प्रेमचंद्र मिश्रा, वीणा शाही, नरेंद्र कुमार, संजीव प्रसाद टोनी सहित अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे।


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