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राज्यपाल से भाजपा ने झूठ पढ़वाया, इसलिए वह भाषण अधूरा छोड़ कर गईं : माता प्रसाद पांडेय

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद की संयुक्त बैठक को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबोधित किया, लेकिन उनके भाषण को लेकर विपक्षी दलों ने आलोचना की है। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भाजपा पर हमला करते हुए राज्यपाल के भाषण को "उत्साहविहीन" बताया

राज्यपाल से भाजपा ने झूठ पढ़वाया, इसलिए वह भाषण अधूरा छोड़ कर गईं : माता प्रसाद पांडेय
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद की संयुक्त बैठक को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबोधित किया, लेकिन उनके भाषण को लेकर विपक्षी दलों ने आलोचना की है। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भाजपा पर हमला करते हुए राज्यपाल के भाषण को "उत्साहविहीन" बताया।

पांडेय ने आईएएनएस से कहा, “राज्यपाल का भाषण कोई खास उत्साहजनक नहीं रहा। उनके भाषण में प्रदेश की वास्तविक स्थिति या किसी विशेष मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। लोग उनसे महाकुंभ में मारे गए श्रद्धालुओं के बारे में पूछ रहे थे, लेकिन उन्होंने इस पर भी कोई खास चर्चा नहीं की।”

सपा नेता ने कहा, “राज्यपाल का पूरा भाषण पढ़कर जाना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन आज वह सदन से भाषण पढ़े बिना ही चली गईं। मुझे लगता है कि वह नाराज होंगी। उनसे भारतीय जनता पार्टी कुछ न कुछ झूठ पढ़वा रही होगी। इसलिए वह नाराज रही होंगी। इसलिए उन्होंने पूरा भाषण नहीं पढ़ा।"

उल्लेखनीय है कि इससे पहले समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव ने भाजपा सरकार को "असंवेदनशील" बताते हुए इस्तीफे की मांग की थी। साथ ही उन्होंने महाकुंभ के 144 साल बाद आने की खबरों पर कहा कि ऐसा कहीं ग्रंथों में नहीं लिखा है।

विपक्षी दलों ने दावा किया कि महाकुंभ में जिन श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई, उनके प्रति सरकार का रवैया "संवेदनहीन" था। शिवपाल यादव ने सरकार को घेरते हुए कहा, "मैंने ऐसी असंवेदनशील सरकार कभी नहीं देखी। यह एक पाखंडी सरकार है जो सिर्फ सरकारी धन का दुरुपयोग कर रही है। जो सरकार व्यवस्था और आस्था के नाम पर समन्वय नहीं बना सकती, उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। जिस सरकार ने घटना में मृतकों के नाम और संख्या तक की जानकारी नहीं दी, उनकी आर्थिक मदद नहीं की, उसे तो इस्तीफा देना ही चाहिए। इस सरकार ने सिर्फ अपने पीआर (जनसंपर्क) के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया है।"


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