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बिहार : पूर्वी चंपारण का लक्ष्मीपुर बना नशामुक्त गांव, लोगों ने ली शपथ

बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने और नशामुक्त समाज बनाने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं

बिहार : पूर्वी चंपारण का लक्ष्मीपुर बना नशामुक्त गांव, लोगों ने ली शपथ
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पटना। बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने और नशामुक्त समाज बनाने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं। इस दिशा में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसका असर अब स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में स्थित रघुनाथपुर थाना क्षेत्र का लक्ष्मीपुर गांव इस अभियान का सबसे प्रमुख उदाहरण बनकर सामने आया है, जिसे शराबमुक्त-नशामुक्त गांव का दर्जा प्राप्त हुआ है।

लक्ष्मीपुर गांव के सभी ग्रामीणों ने समाज को नशामुक्त बनाने के लिए एक संयुक्त शपथ ली है। गांव के सभी बड़े-बुजुर्ग, महिलाएं और युवा इस शपथ में शामिल हुए और शराब न पीने, न बेचने तथा न ही बेचने देने का संकल्प लिया। इस पहल के तहत लक्ष्मीपुर को पूर्वी चंपारण का पहला नशा मुक्त गांव घोषित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने इस उपलब्धि पर गर्व महसूस किया है और इसे एक मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

मोतिहारी पुलिस ने इस महत्वपूर्ण पहल पर गांव में रविवार को पहुंचकर हौसला अफजाई की। महिलाओं, बुजुर्गों और जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।

मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने इस सफलता पर सराहना करते हुए कहा, "हमारा उद्देश्य पूरे जिले में शराब और नशे के खिलाफ एक सशक्त अभियान चलाना है। इस पहल से हमें प्रेरणा मिली है और हम आगे भी समाज को नशामुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।"

एसपी स्वर्ण प्रभात ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर सहयोग करें। उन्होंने कहा, "इस अभियान की सफलता के लिए जनता का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। हम सभी मिलकर एक स्वस्थ और नशामुक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं।"

लक्ष्मीपुर गांव की इस पहल ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे पूर्वी चंपारण जिले में सकारात्मक प्रभाव डाला है। यह उदाहरण अन्य गांवों के लिए प्रेरणास्रोत बन रहा है, जिससे बिहार में नशामुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।


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