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अस्वस्थ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों में बिहार असुरक्षित : पवन खेड़ा

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वास्थ्य विपक्षी दलों के लिए एक मुख्य मुद्दा होने जा रहा है

अस्वस्थ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों में बिहार असुरक्षित : पवन खेड़ा
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पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वास्थ्य विपक्षी दलों के लिए एक मुख्य मुद्दा होने जा रहा है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर लगातार निशाना साधते रहे हैं। वहीं, इस कड़ी में अब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पटना पहुंचकर दावा कर दिया है कि नीतीश कुमार अस्वस्थ हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अपने संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए मैदान में उतर रही है।

रविवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि बिहार में बहुत उथल-पुथल है और यह स्पष्ट है कि जब इतनी अशांति होती है, तो लोग बदलाव चाहते हैं। बिहार अब बदलाव के लिए कांग्रेस की ओर बड़ी उम्मीद से देख रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य एक चिंता का विषय है। उनके बेहतर स्वास्थ्य की हम कामना करते हैं। लेकिन, नीतीश कुमार के स्वास्थ्य और बिहार की जो स्थिति है, उसे देखते हुए चिंता बढ़ जाती है। अस्वस्थ मुख्यमंत्री के हाथों में बिहार कितना सुरक्षित है यह एक गंभीर सवाल है।

बिहार में पलायन के मुद्दे पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिससे बिहार के स्वाभिमान को चोट पहुंची है। नौकरी की तलाश में बिहार के लोगों को पलायन करना पड़ता है। बिहार के पास संसाधन है, जिसके दम पर बिहार के लोग यहां पर रहकर काम कर सकते हैं। इसके अलावा दूसरे प्रदेश के लोगों को भी यहां पर नौकरी दी जा सकती है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार सत्याग्रह और क्रांतियों का जनक है। लेकिन आज बिहार के लोग पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं। यहां के नौजवानों में हुनर की कोई कमी नहीं है, पर उनके हुनर का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। सीएजी की रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार के बच्चों में कुपोषण बढ़ता जा रहा है। बिहार के सरकारी अस्पतालों में दवाइयां नहीं हैं। बिहार के आधे से ज्यादा अस्पतालों में स्टाफ और डॉक्टरों की कमी है। बिहार हमेशा देश को दिशा दिखाता है, इस बार भी दिशा दिखा सकता था, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री के कारण वो चूक गया। अब बिहार को बदलना है, तो बिहार की सरकार को बदलना है। 'सरकार बदलो-बिहार बदलो' ये नारा हम यहां से दे रहे हैं।


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