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बिहार सरकार की ‘मेडल लाओ-नौकरी पाओ’ योजना, अब तक 342 खिलाड़ियों को मिली नौकरी

बिहार सरकार द्वारा 2010 में शुरू की गई 'मेडल लाओ-नौकरी पाओ’ योजना के तहत अब तक 342 खिलाड़ियों को नौकरी दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2010 में ही घोषणा करते हुए कहा था कि खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी मेडल जीतें, सरकार उन्हें नौकरी देगी

बिहार सरकार की ‘मेडल लाओ-नौकरी पाओ’ योजना, अब तक 342 खिलाड़ियों को मिली नौकरी
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पटना। बिहार सरकार द्वारा 2010 में शुरू की गई 'मेडल लाओ-नौकरी पाओ’ योजना के तहत अब तक 342 खिलाड़ियों को नौकरी दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2010 में ही घोषणा करते हुए कहा था कि खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी मेडल जीतें, सरकार उन्हें नौकरी देगी।

इसके तहत वर्ष 2010 में 33 खिलाड़ियों, वर्ष 2011 में 125 खिलाड़ियों, वर्ष 2015 में 82 खिलाड़ियों तथा वर्ष 2020 में 31 खिलाड़ियों को यानी 271 खिलाड़ियों को लिपिक वर्ग की नौकरियां दी गई। इसके बाद राज्य में खेलों के प्रति युवाओं की रूचि बढ़ाने के लिए सरकार के द्वारा ‘मेडल लाओ नौकरी पाओ’ तर्ज पर ‘बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023’ बनाई गई। इसके तहत विभिन्न प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाले उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है।

वर्ष 2023-24 में मेडल लाओ-नौकरी पाओ योजना के तहत 71 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को विभिन्न सरकारी विभागों में प्रथम वर्ग श्रेणी की सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा गया। अब तक बिहार में 342 खिलाड़ियों को नौकरी दी जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे, तभी इन्होंने रेलवे में खिलाड़ियों को नौकरी देने की व्यवस्था की थी। इसी व्यवस्था के तहत अब तक देशभर के सैकड़ों खिलाड़ियों को रेलवे में नौकरी दी गई है। रेलवे में खिलाड़ियों को नौकरी देने की तर्ज पर ही वर्ष 2010 से बिहार में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाने लगी।

बताया गया कि ‘मेडल लाओ नौकरी पाओ’ की तर्ज पर ‘बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023’ बनाई गई है। इसके तहत राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में मेडल पाने वाले खिलाड़ियों को सीधे नौकरी दी जा रही है। इस नये नियम के अनुसार खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने पर एसडीओ एवं डीएसपी तक बनने का मौका मिलेगा। इस नियमावली के तहत हाल ही में 71 खिलाड़ियों को नौकरी दी गई है, जिसमें बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी शामिल हैं। 69 को पुलिस अवर निरीक्षक, समाज कल्याण विभाग में अधीक्षक एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं लिपिक की नौकरियां दी गयी हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार में लगातार खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए हर स्तर पर खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। राज्य में प्रखंड स्तर पर स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें अब तक लगभग 250 स्टेडियमों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।


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