Top
Begin typing your search above and press return to search.

बिहार कृषि विश्वविद्यालय और इको तसर सिल्क ने एमओयू पर किए हस्ताक्षर

बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने मंगलवार को इको तसर सिल्क प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के साथ एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए

बिहार कृषि विश्वविद्यालय और इको तसर सिल्क ने एमओयू पर किए हस्ताक्षर
X

भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने मंगलवार को इको तसर सिल्क प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के साथ एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह सहयोग अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा देकर बिहार के रेशम उद्योग को आधुनिक और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

यह समझौता बीएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ. एके. सिंह और इको तसर सिल्क के प्रबंध निदेशक खितिश पंड्या द्वारा हस्ताक्षरित किया गया।

समझौते के मुताबिक छात्रों, शोधकर्ताओं और किसानों के लिए संरचित इंटर्नशिप कार्यक्रम, क्षमता निर्माण कार्यशालाएं और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान कर रेशम उत्पादन में नवीनतम तकनीकों का ज्ञान देना है तथा रेशम उत्पादन की दक्षता, गुणवत्ता और स्थिरता बढ़ाने के लिए नए उपकरण, मशीनरी और प्रसंस्करण तकनीकों का विकास करना है।

इसके अलावा वैज्ञानिक अनुसंधान और पारंपरिक शिल्प कौशल के समावेश से रेशम उद्योग की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना भी समझौते में शामिल है, जिससे किसानों और कारीगरों को अधिक बाजार अवसर और आर्थिक लाभ मिल सके।

बीएयू के कुलपति डॉ. डीआर. सिंह ने कहा, "यह साझेदारी बिहार के रेशम उद्योग को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। वैज्ञानिक अनुसंधान और औद्योगिक सहयोग के माध्यम से, हम किसानों, कारीगरों और उद्यमियों को वैश्विक स्तर की रेशम उत्पादन तकनीकों से सशक्त करना चाहते हैं।"

इको तसर सिल्क के प्रबंध निदेशक खितिश पंड्या ने इस मौके पर कहा कि यह साझेदारी बिहार के रेशम उत्पादकों के लिए एक बड़ा अवसर है। हम आधुनिक तकनीकों को पारंपरिक रेशम उत्पादन प्रक्रियाओं में शामिल करके, इसे अधिक लाभदायक और सतत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

बीएयू के निदेशक अनुसंधान डॉ. अनिल कुमार सिंह ने जोर देते हुए कहा कि नवाचार और स्थिरता इस समझौते की आधारशिला है। पारंपरिक विधियों को अत्याधुनिक तकनीकों से जोड़कर, हम बिहार के रेशम उद्योग को फिर से परिभाषित करने और सभी हितधारकों के लिए दीर्घकालिक समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it