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भोपाल : 'पोषण भी, पढ़ाई भी' के लिए 30.56 करोड़ रुपये की स्वीकृति

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में संपन्न हुई

भोपाल : पोषण भी, पढ़ाई भी के लिए 30.56 करोड़ रुपये की स्वीकृति
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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में संपन्न हुई। इसमें केंद्र प्रवर्तित सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के अंतर्गत 'पोषण भी, पढ़ाई भी' प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं भारत सरकार के मापदंडों अनुसार इसके आयोजन के लिए 30 करोड़ 56 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई।

इसका उद्देश्य बाल्यावस्था के प्रथम एक हजार दिवस में प्रारंभिक उद्दीपन, 3 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के लिए ईसीसीई (देखभाल और शिक्षा) को बढ़ावा देना, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ईसीसीई एवं शैक्षिक दृष्टिकोण की बुनियादी समझ विकसित करना, खेल आधारित उच्च गुणवत्ता प्रदान करना है।

इसका लक्ष्य, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का क्षमता संवर्धन एवं परियोजना में एक बाल विकास परियोजना अधिकारी व तीन पर्यवेक्षकों को मास्टर ट्रेनर बनाना है।

मंत्रिपरिषद ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 में किसानों को गेहूं उपार्जन पर बोनस भुगतान एवं सरप्लस गेहूं के निस्तारण के संबंध में गेहूं उपार्जन पर बोनस राशि 125 रुपये प्रति क्विंटल में वृद्धि करते हुए 175 रुपये प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया।

इस फैसले के अनुसार, गेहूं का उपार्जन 2,600 रुपये प्रति क्विंटल पर किया जाएगा। उपार्जन कार्य 15 मार्च से प्रारंभ हो जाएगा। गेहूं की एमएसपी दर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल उपार्जन पर और प्रति क्विंटल 175 रुपये बोनस दिया जाएगा। 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं के उपार्जन पर 1,400 करोड़ रुपये राज्य के कोष से व्यय किया जाएगा।

धान उपार्जन के अंतर्गत खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024 में धान का विक्रय करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4,000 रुपए राशि के मान से 6.70 लाख किसानों को 12.20 लाख हेक्टेयर में पैदा की गई धान पर राज्य सरकार 480 करोड़ रुपये की राशि व्यय करेगी।

मंत्रिपरिषद ने भारत सरकार के डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉर्डर्नाईजेशन प्रोग्राम के तहत प्रदेश में राजस्व भू-अभिलेखों के लंबित डिजिटाइजेशन के लिए स्वीकृति दी।

इसके अनुसार, राजस्व भू-अभिलेखों के लंबित डिजिटाइजेशन के लिए प्राक्कलित कुल राशि 138 करोड़ 41 लाख रुपये (कर सहित) की स्वीकृति प्रदान की गई। डिजिटाइजेशन के कार्य को मध्य प्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन समिति (एमपीएलआरएस) खुली निविदा के माध्यम से क्रियान्वित करेगा।

मंत्रिपरिषद ने वर्तमान में छिंदवाड़ा वन वृत्त (छिंदवाड़ा जिला एवं नवगठित पांढुर्णा जिला) अंतर्गत तीन वनमंडलों पूर्व, पश्चिम, दक्षिण छिंदवाड़ा को पुनर्गठित किए जाने का निर्णय लिया।

इस फैसले के अनुसार, दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल के 662.742 वर्ग किलोमीटर वनक्षेत्र को नवगठित पांढुर्णा वनमंडल में तथा शेष 293.944 वर्ग किलोमीटर वनक्षेत्र को पूर्व और पश्चिम छिंदवाड़ा वनमंडलों में शामिल किया जाएगा एवं वनमंडल दक्षिण छिंदवाड़ा को समाप्त किया जाएगा। दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल से पुनर्गठित पांढुर्णा तथा पूर्व और पश्चिम छिंदवाड़ा वनमंडलों में पदों का पुन: आवंटन किया जाएगा।


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