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बालासोर : पीड़िता के पिता ने कहा - न्‍याय के नाम पर सिर्फ झूठे वादे मिले

ओडिशा में बालासोर के फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की बी.एड. छात्रा के पिता बालाराम बिसी ने सरकार से दोषियों पर सख्‍त कार्रवाई की मांग की है

बालासोर : पीड़िता के पिता ने कहा - न्‍याय के नाम पर सिर्फ झूठे वादे मिले
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भुवनेश्वर। ओडिशा में बालासोर के फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की बी.एड. छात्रा के पिता बालाराम बिसी ने सरकार से दोषियों पर सख्‍त कार्रवाई की मांग की है। पीड़िता के पिता ने कहा कि न्‍याय के नाम पर सिर्फ झूठे वादे मिले। उन्‍होंने कॉलेज प्रशासन और पुलिस पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया।

छात्रा ने कॉलेज प्रशासन द्वारा कथित उत्पीड़न और निष्क्रियता के बाद आत्मदाह का प्रयास किया था। छात्रा एम्स भुवनेश्वर में गंभीर हालत में इलाजरत है।

पिता ने रविवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि मेरी बेटी के साथ जो हुआ, वह समझ से परे है। अधिकारियों ने मुझे आश्वासन दिया था कि कार्रवाई की जाएगी और न्याय मिलेगा, लेकिन मुझे केवल झूठे वादे मिले। मुझे उन पर भरोसा करने और चुप रहने के लिए कहा गया था। लेकिन, आज मेरी बेटी अस्पताल में बिस्तर पर पड़ी है और जीने के लिए संघर्ष कर रही है।

उन्होंने बताया कि कैसे उनकी बेटी ने उत्पीड़न और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के बारे में आपबीत‍ी सुनाई थी। उन्होंने कहा कि बेटी ने व्यवस्था पर भरोसा किया था, लेकिन वह टूट गया।

उन्होंने कॉलेज प्रशासन और पुलिस की देरी से कार्रवाई पर पीड़ा व्यक्त की। उन्‍होंने कहा कि आरोपी प्रोफेसर काम करता रहा और बार-बार शिकायत के बाद भी तत्काल कदम नहीं उठाया गया। मेरी बेटी को चुपचाप सहना पड़ा। घटना के बाद भी मामले को कमतर आंकने की कोशिश की गई। स्थिति इतनी दर्दनाक थी कि मेरी बेटी को लगा कि आत्मदाह ही एकमात्र विकल्प है। कल्पना कीजिए कि कॉलेज प्रिंसिपल के कार्यालय के सामने ऐसा कदम उठाने के लिए उसकी मानसिक स्थिति कैसी रही होगी।

उन्होंने आरोपियों और जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरी बेटी की बात नहीं है। अगर अभी न्याय नहीं मिला, तो और बेटियों को भी यही सहना पड़ेगा। मैं सरकार से अपील करता हूं कि उसके साथ ऐसा करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।

वहीं, छात्रा की मां सबिता ने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरी बच्ची जिंदा रहे। वह ठीक होकर हमारे पास वापस आए। उसने हमें बताया कि परीक्षा के बाद एक शिक्षक उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहा था। उसने औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई थी। पिछले 15 दिनों से वह बेहद तनाव में थी। उसने कॉलेज जाने से पहले कुछ नहीं कहा। हमें नहीं पता था कि वह किस दौर से गुजर रही है या क्या करने वाली है। मैं मांग करती हूं कि उसे इस मुकाम तक पहुंचाने वाले व्यक्ति को सजा मिले।


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