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बहराइच हिंसा: सपा नेता माता प्रसाद पांडे को पुलिस ने दंगा प्रभावित इलाके में जाने से रोका

शनिवार को समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे बहराइच जाकर पीड़ित परिवार से मिलने वाले थे। लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें प्रशासन ने रोक दिया

बहराइच हिंसा: सपा नेता माता प्रसाद पांडे को पुलिस ने दंगा प्रभावित इलाके में जाने से रोका
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बहराइच। शनिवार को समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे बहराइच जाकर पीड़ित परिवार से मिलने वाले थे। लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें प्रशासन ने रोक दिया।

माता प्रसाद पांडे को बहराइच में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया। जिलाधिकारी ने माता प्रसाद पांडे से बात की और माहौल को शांत बनाए रखने की कोशिश की। जानकारी के अनुसार, माता प्रसाद पांडे का कार्यक्रम 12 बजे बहराइच में लोगों से मुलाकात का था।

बता दें कि बहराइच हिंसा के बाद प्रशासन शांति व्यवस्था कायम करने को लेकर सख्त है। हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। कई अन्य संदिग्धों के घरों पर अब बुलडोजर चलाने की योजना बनाई गई है। जिला प्रशासन ने कुछ लोगों को नोटिस भी जारी किया है।

महाराजगंज क्षेत्र में हुई इस हिंसा के संबंध में पुलिस ने शुक्रवार को 26 और आरोपियों को गिरफ्तार किया। अब तक कुल 87 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले बृहस्पतिवार की रात को पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा हत्या मामले में छह अभियुक्तों समेत 61 लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें दो व्यक्ति, सरफराज और तालिम, पुलिस मुठभेड़ में घायल भी हुए थे।

पकड़े गए पांचों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

शुक्रवार को जिले की सभी मस्जिदों में सुरक्षा कड़ी थी और जुमे की नमाज शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई। जिले के बाजारों में भी शाम होते ही चहल-पहल और आवागमन सामान्य हो गया। बहराइच शहर में कुछ धार्मिक जुलूस भी निकाले गए हैं, जो अमन-चैन की स्थिति को दर्शाते हैं। हालांकि, तनाव के कारण महराजगंज बाजार में अब भी रौनक वापस नहीं आई है। यहां मकानों पर ध्वस्तीकरण नोटिस चस्पा होने के कारण लोग भयभीत हैं।

उल्लेखनीय है कि 13 अक्टूबर को मां दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन जुलूस के दौरान डीजे पर गाना बजाने को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता गया, जिससे 22 वर्षीय युवक की गोली लगने से मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया, जिसमें घर, दुकानें, अस्पताल, बाइकें और कारें जलाकर राख कर दी गईं। पुलिस के अनुसार, 13 से 16 अक्टूबर के बीच छह नामजद समेत लगभग 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल 11 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है, ताकि शांति व्यवस्था बहाल की जा सके।


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