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आवास विकास के मुख्यालय की सख्ती के बाद रिलीव किए गए बाबू

कैनरा बैंक में भी होगी भ्रष्टाचार की गाड़ियों की जांच

आवास विकास के मुख्यालय की सख्ती के बाद रिलीव किए गए बाबू
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मेरठ। आवास विकास परिषद के कनिष्ठ सहायक गौरव दीक्षित पर पिछले काफी दिनों से लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों का संज्ञान लेते हुए आवास विकास एवं परिषद के उप आवास आयुक्त प्रशासन ने 19 दिसंबर 2024 को तबादले का आदेश दिया था। इस आदेश को ताक पर रखकर आवास विकास मेरठ के अधिकारी कुण्डली जमाए हुए बैठे थे और रिलीव करने पर आंख मिचैली का खेल खेलने में लगे थे। मुख्यालय को इसकी भनक लगी और एक वरिष्ठ अधिकारी का फोन आया। जिसमें उक्त बाबू को तुरंत रिलीव लैटर जारी करने का आदेश दिया। जिसके बाद परिषद के अधिकारियों को बुधवार की रात ही रिलीव आर्डर जारी करना पड़ा।

बता दें कि आवास विकास परिषद मेरठ में तैनात कनिष्ठ सहायक गौरव दीक्षित पर लगातार भ्रष्टाचार करने के आरोप लग रहे थे। उसी का संज्ञान लेकर मुख्यालय स्तर से ये कार्यवाही की गई और उनका तबादला मुरादाबाद कर दिया गया था।

लेकिन कनिष्ठ सहायक के बिछाए जाल के कारण उन्हें करीब एक महिना बीत जाने के बावजूद रिलीव नहीं किया गया। मुख्यालय में इसकी भनक लगी तो मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संज्ञान लिया और आवास विकास मेरठ के अधिकारियेां को फटकार लगाई। जिसके बाद आनन-फानन में तुरंत रिलीव लैटर जारी कर दिया गया। वहीं कैनरा बैंक में भी इसी बाबू की कारगुजारियों का भी खुलासा हुआ है।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री को दी गई शिकायती पत्र में कहा गया था कि कनिष्ठ सहायक ने अपनी पत्नि के नाम पर किराए की गाड़ियों को परिषद में ही मुहैया कराया हुआ है। मामला कैनरा बैंक से इसलिए जुड़ रहा है कि गाड़ियां जिस महिला के नाम है वह कैनरा बैंक की हापुड़ रोड, मेरठ स्थिता एमएसएमई सुलभ में तैनात है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि दोनों ही सरकारी नौकरी पर आसीन है और सरकारी नौकरी के चलते कोई दूसरा कार्य करना नियम के खिलाफ है।

हालांकि कैनरा बैंक के एजीएम मेरठ ने इस प्रकरण में जांच के आदेश दिए हैं।


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