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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला निंदनीय : मनीषा कायंदे

चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश सरकार सवालों के घेरे में है। हिंदुओं के साथ पिछले कई महीनों से हो रही हिंसा को लेकर भारत चिंतित है। इस बीच शिवसेना की नेता मनीषा कायंदे ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले की निंदा की

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला निंदनीय : मनीषा कायंदे
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मुंबई। चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश सरकार सवालों के घेरे में है। हिंदुओं के साथ पिछले कई महीनों से हो रही हिंसा को लेकर भारत चिंतित है। इस बीच शिवसेना की नेता मनीषा कायंदे ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले की निंदा की।

आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ का नारा दिया था। इसी नारे को ध्यान में रखते हुए मैं एक बात स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूं कि आप किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय से क्यों ना हो। आप तब तक सुरक्षित नहीं रहेंगे, जब तक एकजुट नहीं रहेंगे। एकजुटता सुरक्षित रहने के लिए बहुत जरूरी है।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं शिवसेना की तरफ से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले की निंदा करती हूं। हिंदुओं पर हो रहा हमला अति निंदनीय है। इस तरह का हमला एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है।”

बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे हैं। बांग्लादेश में अब तक हिंदुओं के कई मंदिरों को निशाना बनाया गया है। लोकनाथ मंदिर, मनसा माता मंदिर और काली माता मंदिर को काफी नुकसान पहुंचाया गया है।

चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास की गिरफ्तारी को लेकर भी बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस हमले में 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर इस्कॉन ने सख्त ऐतराज जताया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेता चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह खबर हमारे लिए चिंताजनक है। अब समय आ चुका है कि हिंदू समुदाय के लोग एकजुट हो जाएं। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वो इस संबंध में बांग्लादेश सरकार से बात करके जल्द से जल्द कोई कदम उठाए, ताकि यहां हिंदुओं पर हमले रुके। हम एक शांतिपूर्ण भक्त हैं। हम चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार जल्द से जल्द चिन्मय कृष्ण दास को रिहा करें।”


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