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आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, उपराज्यपाल ने भंग की विधानसभा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की करारी हार के बाद आतिशी ने आज दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज निवास पहुंचकर उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा

आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, उपराज्यपाल ने भंग की विधानसभा
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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की करारी हार के बाद आतिशी ने आज दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज निवास पहुंचकर उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ‘आप’ नेता आतिशी राज निवास से रवाना हुईं। हालांकि, उन्होंने इस दौरान मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।

आतिशी के इस्तीफा देने के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया है। उपराज्यपाल ने विधानसभा को भंग किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी है।

आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 3,521 मतों के अंतर से हराया है। इस जीत के साथ ही वह अपनी कालकाजी सीट बरकरार रखने में कामयाब रही हैं।

आतिशी ने अपनी जीत के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि मैं कालकाजी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा दिखाया। मैं अपनी पूरी टीम का धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने कड़ी मेहनत की। भाजपा ने बाहुबल, गुंडागर्दी, धनबल का प्रयोग किया। लेकिन, क्षेत्र की जनता ने अपना फैसला सुना दिया। दिल्ली में भाजपा की जीत और आम आदमी पार्टी की हार पर उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता का जनादेश हमें स्वीकार है।

उन्होंने कहा था, “मैं कालकाजी सीट जीती हूं लेकिन, यह समय जीत का नहीं बल्कि जंग का है। भाजपा के खिलाफ जंग जारी रहेगी। आम आदमी पार्टी हमेशा गलत के खिलाफ लड़ती रही है और हमेशा लड़ती रहेगी। दिल्ली की जनता के लिए आम आदमी पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा।“

बता दें कि ‘आप’ के मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित कई वरिष्ठ नेताओं को हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा को यह जीत 2015 और 2020 के चुनावों में करारी हार झेलने के बाद मिली है। 27 साल के लंबे इंतजार के बाद भाजपा को दिल्ली में पूर्ण बहुमत मिला है। दिल्ली की 70 सीटों में से 48 पर भाजपा ने परचम लहराया, जबकि 'आप' को 22 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।


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