Top
Begin typing your search above and press return to search.

असीम अरुण ने सपा को घेरा, कहा- उनके समय में 18 लोग मारे गए थे

महाकुंभ की तैयारियों पर सवाल उठाए जाने पर प्रभारी मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के विधायक असीम अरुण ने प्रदेश की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा

असीम अरुण ने सपा को घेरा, कहा- उनके समय में 18 लोग मारे गए थे
X

हरदोई। महाकुंभ की तैयारियों पर सवाल उठाए जाने पर प्रभारी मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के विधायक असीम अरुण ने प्रदेश की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में कुंभ में भीषण दुर्घटना हुई थी, जिसमें करीब 18 लोग मारे गए थे।

प्रयागराज महाकुंभ पर अखिलेश यादव के सवाल उठाए जाने को लेकर असीम अरुण ने कहा, "अखिलेश यादव भूल रहे हैं कि उनके कार्यकाल में जो कुंभ हुआ था, उसमें भीषण दुर्घटना हुई थी, जिसमें भगदड़ के कारण करीब 18 लोग मारे गए थे।"

उन्होंने कहा, "विपक्ष का मतलब केवल यह नहीं होता है कि हमेशा आलोचना करे। वो अपने समय के कुंभ और पिछले कुंभ, दोनों की तुलना कर लें। इस बार का महाकुंभ भी हम सभी के सामने है। सीएम योगी ने बहुत प्लानिंग के साथ सारी व्यवस्था की है और उसी प्लानिंग के साथ आयोजन कराया जा रहा है।"

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव का एक तरीका बन गया है कि वो हर चीज में हतोत्साहित करें और सरकार की आलोचना करें। लेकिन, सभी देख रहे हैं कि महाकुंभ की व्यवस्था सुदृढ़ है, इस बार मेरा विभाग समाज कल्याण विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों की सेवा के लिए अलग से अनुश्रवण कुंभ की व्यवस्था कर रहा है। जो सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनका हम प्रशिक्षण कराएंगे। बेहतर सुविधा के लिए लगातार कुंभ में कार्य हो रहे हैं।

उन्होंने संभल में सीओ अनुज चौधरी के गदा लेकर धार्मिक यात्रा में शामिल होने पर कहा, "मुझे नहीं पता किसके बारे में बात है। पुलिस विभाग में एक अप्रोच होती है, जिसको हम लोग सामुदायिक पुलिसिंग बोलते हैं। मैं स्वयं पुलिस में था। जैसे नववर्ष में बहुत सारे पुलिसकर्मी दुखी होंगे कि वो परिवार के साथ नववर्ष नहीं मना रहे, ऐसे में मैं हमेशा बोलता था कि हम पूरे शहर के साथ नववर्ष मना रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "कोई आयोजन, त्योहार और पर्व होता है, तो उसमें पुलिस को बुलाया जाता है और सम्मानित किया जाता है। वर्दी की अपनी गरिमा है। हमें उसको बचाकर रखना है। लेकिन, जहां पर कोई पर्व मनाने का विषय होता है, तो हम लोग सबके साथ मनाते हैं। इससे समाज के साथ बेहतर जुड़ाव होता है। इसको धर्म, जाति, संप्रदाय से उपर उठकर देखना चाहिए।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it