ऑपरेशन सिंदूर पर सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कर्नल सोफिया कुरैशी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में दी जानकारी
पहलगाम हमले का बदला भारत ने पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक से लिया है
नई दिल्ली। पहलगाम हमले का बदला भारत ने पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक से लिया है। भारतीय सेना ने नौ आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर को सफलता पूर्वक अंजाम दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार इस पूरी सैन्य कार्रवाई पर नजर रखे हुए हैं।
सेना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर की आधिकारिक जानकारी दे रही है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग कर रहे है। इस मामले में प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री दे रहे हैं।
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्ज किया गया था। इस कार्रवाई में 9 आतंकवादी शिविरों को टारगेट किया गया और पूरी तरह से इसे बर्बाद किया गया।"
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले एयर स्ट्राइक का वीडियो प्ले किया। 10.34 पर वीडियो शुरू हुआ, 10.36 पर खत्म हुआ। कुल 2 मिनट चला।
पाकिस्तीन के दबाव पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
पाकिस्तान के पुराने रिकॉर्ड्स से लिया गया इंटेलिजेंस का सहारा
पाकिस्तान के इस कृत से स्वाभिविक है कि भारत समेत दुनिया के अन्य भागों में भी आक्रोश देखा गया
भारत के खिलाफ आगे भी हमले हो सकते हैं- विक्रम
आतंकवाद की इंफ्रांस्ट्रक्चर को समाप्त करने में अहम साबित होगी यह कार्यवाई
2025 को आतंकवादियों ने भारतीय पर्यटकों पर हमला किया।
जिसमें एक नेपाली सहित 26 लोगों की मौत हुई।
26/11 के बाद की सबसे गंभीर हमला है।
ये बहुत ही बर्बरता पूर्वक किया गया हमला था।
ये हमला स्पष्ट रूप से जम्मू कश्मीर में बहाल हो रही स्थिति को देखकर किया गया।
पिछले साल सवा दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक भारत आए थे।
पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकियों के शरणास्थल के रूप में पहचान बना चुका है।
भारत ने ठीक 15 दिन बाद पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। हमले के लिए जिम्मेदार समूहों से जुड़े आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर यह ऑपरेशन सटीकता के साथ किया गया। भारत सरकार ने पुष्टि की है कि सभी नौ ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमला किया गया, जिससे पाकिस्तान में कोई भी नागरिक या सैन्य ढांचा प्रभावित नहीं हुआ।
इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में सुरक्षा मामलों और रक्षा नीति पर चर्चा हुई।
यह हमला 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई का हिस्सा था, जिसमें जम्मू-कश्मीर में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। यह ऑपरेशन भारत द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक सुनियोजित कदम था कि हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए, जबकि आगे की स्थिति से बचने के लिए संयम बनाए रखा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रात भर ऑपरेशन की प्रगति पर बारीकी से नजर रखी। सूत्रों ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और सैन्य कमांडरों के साथ लगातार संपर्क में थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान योजना के अनुसार आगे बढ़े। प्रधानमंत्री की सक्रिय भागीदारी ने मिशन के महत्व और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर किया। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि हमले केंद्रित, मापे गए थे।
लक्ष्य, जिन्हें ज्ञात आतंकी शिविर और बुनियादी ढांचे के रूप में पहचाना गया था, पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित थे। सेना के बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि किसी भी पाकिस्तानी नागरिक, सैन्य या आर्थिक बुनियादी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाया गया, जो लक्षित आतंकवाद विरोधी प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा, "हमारी कार्रवाई केंद्रित और सटीक रही है। हमने केवल उन आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया है, जहां से भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें अंजाम दिया गया।" उन्होंने कहा कि "न्याय हुआ।"


