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अमित शाह लोकसभा में पेश करेंगे सहकारी विश्वविद्यालय पर विधेयक, रेलवे पर राज्यसभा में होगी चर्चा

संसद के दोनों सदनों में बुधवार को कामकाज की सूची जारी की गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक पेश करेंगे, जबकि राज्यसभा में रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा होगी

अमित शाह लोकसभा में पेश करेंगे सहकारी विश्वविद्यालय पर विधेयक, रेलवे पर राज्यसभा में होगी चर्चा
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नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में बुधवार को कामकाज की सूची जारी की गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक पेश करेंगे, जबकि राज्यसभा में रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा होगी।

अमित शाह ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद को एक विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने के लिए विधेयक पेश करेंगे, जिसे 'त्रिभुवन' सहकारी विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाएगा। इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया जाएगा।

विश्वविद्यालय सहकारी क्षेत्र में तकनीकी, प्रबंधन शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करेगा, सहकारी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा तथा वैश्विक उत्कृष्टता के मानकों को प्राप्त करेगा। इसका उद्देश्य 'सहकार से समृद्धि' के विजन को साकार करना और देश में संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से सहकारी आंदोलन को मजबूत करना है।

केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल यह प्रस्ताव रखेंगे कि समुद्र के रास्ते माल ढुलाई से संबंधित वाहकों की जिम्मेदारियों, दायित्वों, अधिकारों और छूटों के बारे में विधेयक पर विचार किया जाए और इससे जुड़े या संबंधित मामलों पर चर्चा की जाए।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी यह प्रस्ताव रखेंगे कि तेल क्षेत्र (नियमन और विकास) अधिनियम, 1948 में संशोधन करने वाला विधेयक, जिसे राज्यसभा द्वारा पारित किया गया है, पर विचार किया जाए।

राज्यसभा में रेलवे मंत्रालय के कार्यों पर चर्चा का कार्यक्रम बताया गया है।

बुधवार को संसद ने रेलवे (संशोधन) बिल 2024 को पारित किया, जिसे राज्यसभा ने मंजूरी दी। यह विधेयक रेलवे अधिनियम 1989 में संशोधन करने का प्रयास करता है, जिसका उद्देश्य रेलवे बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाना और इस संस्था की कार्यकुशलता और स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है। लोकसभा ने पिछले साल ही इस रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 को अपनी मंजूरी दे दी थी।

विभिन्न स्थायी समितियां भी दोनों सदनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी। कई मंत्री अपने मंत्रालयों से संबंधित दस्तावेज पटल पर रखेंगे


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