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महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने के लिए ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने रखी शर्त

ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने शनिवार को महाविकास अघाड़ी को 17 मांगों वाला पत्र भेजा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सशर्त समर्थन का दावा किया है

महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने के लिए ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने रखी शर्त
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मुंबई। ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने शनिवार को महाविकास अघाड़ी को 17 मांगों वाला पत्र भेजा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सशर्त समर्थन का दावा किया है।

बोर्ड ने अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि अगर महाविकास अघाड़ी गठबंधन इन मांगों पर समर्थन देने को तैयार होती है, तो निश्चित तौर पर महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव में बोर्ड उसे समर्थन देगा।

वहीं, अगर बोर्ड द्वारा उठाए गए मांगों की बात करें, तो इसमें सबसे प्रमुखता से और शीर्ष पर वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का विरोध शामिल है।

इसके अलावा, नौकरियों में शिक्षा में मुस्लिम समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण देने की मांग की गई है, ताकि मुस्लिम समुदाय के लिए आगामी दिनों में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो सके।

महाराष्ट्र के 48 जिलों में मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान की जमीन का सर्वे कराए जाने की मांग की गई है, ताकि पूरी वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके।

महाराष्ट्र के वक्फ मंडल के विकास के लिए 1 हजार करोड़ रुपए का फंड देने की मांग की गई है।

इसके साथ ही साल 2012 से 2024 के बीच दंगे फैलाने के आरोपों में जेल में बंद निर्दोष मुसलमानों को बाहर निकालने की मांग की गई है।

मौलाना सलमान अजहरी को जेल से बाहर निकालने के लिए महाविकास विकास अघाड़ी के 30 सांसदों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की मांग की गई है।

मस्जिद के इमाम और मौलाना को प्रतिमाह 10 हजार रुपए देने, पुलिस भर्ती में मुस्लिम युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग भी इसमें शामिल है।

एक अहम मांग सरकारी समिति में मौलाना और इमाम को शामिल करने को लेकर है। इसके मुताबिक महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के सत्ता में आने के बाद ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के मुफ्ती मौलाना, अलीम हाफ़िज़ मस्जिद के इमाम को सरकारी समिति में लिया जाना चाहिए।

आगामी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय से 50 लोगों को टिकट देने की मांग भी महाविकास अघाड़ी से की गई है।

महाराष्ट्र सरकार के माध्यम से महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती करने की मांग की गई है।

महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में एक कानून पारित करने के लिए भी कहा गया है।

इसके अलावा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बोलने वालों पर कानूनी प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाए जाने की भी मांग की गई है।

सरकार बनने पर आरएसएस जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है, ताकि इनकी गतिविधियों पर विराम लग सके।

महाराष्ट्र में 48 जिलों में अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड कार्यरत है। बयान में उल्लेखित मांग को मंजूरी देने के लिए भारत गठबंधन के नाना पाटिलजी, उद्धवजी ठाकरेजी, शरद पवारजी को आश्वासन पत्र देना चाहिए।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 भारत गठबंधन के लिए प्रचार करने के लिए अखिल भारतीय उलेमा बोर्ड को 48 जिलों में आवश्यक मशीनरी प्रदान करने के लिए कहा गया है।

बता दें कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को पहले ही चरण में सभी सीटों पर चुनाव होंगे और नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को होगी।


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