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धनंजय मुंडे और कोकाटे के बाद मंत्री जयकुमार रावल की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, पूर्व विधायक अनिल गोटे का दावा

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे और माणिकराव कोकाटे के बाद मंत्री जयकुमार रावल की मुसीबत बढ़ सकती है

धनंजय मुंडे और कोकाटे के बाद मंत्री जयकुमार रावल की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, पूर्व विधायक अनिल गोटे का दावा
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मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे और माणिकराव कोकाटे के बाद मंत्री जयकुमार रावल की मुसीबत बढ़ सकती है। राज्य के विपणन एवं प्रोटोकॉल मंत्री व धुले जिले के संरक्षक मंत्री जयकुमार रावल द्वारा पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की जमीन हड़पने के मामले में धुले जिला न्यायालय ने हड़पी गई जमीन वापस करने का आदेश दिया है। पूर्व विधायक अनिल गोटे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

अनिल गोटे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को धोखा देने वाले मंत्री राज्य और शिंदखेड़ा निर्वाचन क्षेत्र के साथ क्या न्याय करेंगे? गोटे ने सरकार से यह भी पूछा है कि क्या देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह यह बर्दाश्त करेंगे।

बता दें कि विवादों में घिरे धनंजय मुंडे और माणिकराव कोकाटे के बाद अब मंत्री जयकुमार रावल का नाम सामने आया है, जिससे महायुति में संकट के बादल छा सकते हैं। पिछले साल जिला अदालत ने रावल परिवार के खिलाफ फैसला सुनाया था। इस परिणाम की पूरे जिले में काफी चर्चा हुई थी। इसलिए, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है।

अनिल गोटे ने कहा कि देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को दोंडाईचा शिवरत में 38आर क्षेत्र समूह संख्या 403/1, 403/3 और 404 की 10 हेक्टेयर जमीन उनकी मौसी से मिली थी। उन्होंने यह जमीन रावल परिवार को यह दावा करते हुए प्रबंधन के लिए दे दिया था कि ये उनके रिश्तेदार हैं। लेक‍िन, उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की सात या 12 एकड़ जमीन पर फसल उगाकर करोड़ों रुपये की जमीन हड़पने की साजिश रची। उन्होंने यह बताया कि वे उस जमीन के लिए एक ट्रस्ट स्थापित करने जा रहे हैं।

अनिल गोटे ने दावा किया कि रावल परिवार ने फर्जी ट्रस्ट दस्तावेज तैयार किए और पूर्व राष्ट्रपति को बताया कि उन्हें 30 लाख रुपये के लेनदेन की रसीद मिली है, जिससे पता चलता है कि वह जमीन को बेच दी गई है। उस जमीन को खरीदने के लिए न्यायालय में मुकदमा भी दायर किया गया था। हालांकि, जब कोर्ट ने ट्रस्टियों को गवाह के तौर पर कोर्ट में पेश होने को कहा तो उन्होंने एक व्यक्ति को पावर ऑफ अटॉर्नी के साथ भेजा। हालांकि, कोर्ट ने उनके दावे को खारिज करते हुए सभी दलीलों को झूठा और फर्जी बताया और रावल परिवार के खिलाफ फैसला सुनाया। कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति की हड़पी गई जमीन वापस करने का आदेश दिया।


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