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झारखंड के शराब घोटाले में दूसरे दिन भी एसीबी की कार्रवाई, दो अफसर सहित तीन गिरफ्तार

झारखंड में शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन कार्रवाई की है

झारखंड के शराब घोटाले में दूसरे दिन भी एसीबी की कार्रवाई, दो अफसर सहित तीन गिरफ्तार
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रांची। झारखंड में शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने देर शाम झारखंड बिवरेजेज कॉरपोरेशन के पूर्व जीएम सुधीर कुमार और वर्तमान जीएम सुधीर कुमार दास के अलावा शराब दुकानों के लिए मैनपावर सप्लायर कंपनी ‘विजन’ के एक स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है।

इसके पहले एसीबी ने मंगलवार को सीनियर आईएएस अधिकारी और एक्साइज विभाग के पूर्व सचिव विनय चौबे एवं संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को करीब साढ़े छह घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।

एसीबी की टीम ने बुधवार को एक्साइज विभाग के राज्य कार्यालय में दबिश दी और वहां कई फाइलें खंगालीं। इस दौरान झारखंड बिवरेजेज कॉरपोरेशन के पूर्व जीएम सुधीर कुमार और वर्तमान जीएम सुधीर कुमार दास से पूछताछ की गई। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

अब तक की जांच में राज्य में करीब 100 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की बात सामने आई है। इस सिलसिले में राज्य सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग की अनुमति से मंगलवार को एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है।

इससे पहले, इस मामले में ब्यूरो ने प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी (पीई) दर्ज करते हुए प्रारंभिक जांच की थी।

उल्लेखनीय है कि झारखंड में शराब घोटाले की शुरुआत वर्ष 2022 में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नई एक्साइज पॉलिसी लागू होने के साथ ही हो गई थी। इस पॉलिसी को धरातल पर उतारने के लिए बतौर कंसल्टेंट छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के साथ करार किया गया था। झारखंड में इस पॉलिसी को लागू करने की प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गईं।

आरोप है कि एक खास सिंडिकेट को शराब का टेंडर दिलाने के लिए मनमाने तरीके से टेंडर की शर्तें बदल दी गईं। छत्तीसगढ़ की कंसल्टेंट कंपनी के अधिकारियों के सहयोग से सिंडिकेट ने मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। टेंडर लेने वाली कंपनियों की ओर से जमा की गई बैंक गारंटियां भी फर्जी निकलीं। इससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। एसीबी की जांच में यह बात भी सामने आई है कि शराब बिक्री के लिए मैनपावर सप्लाई के नाम पर भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है।


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