शरद पवार की पार्टी की नेता का अनोखा पत्र! राष्ट्रपति से मांगी ये चौंकाने वाली छूट!
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं के हक, उनकी ताकत और सम्मान की चर्चा चारों ओर देखने को मिली

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं के हक, उनकी ताकत और सम्मान की चर्चा चारों ओर देखने को मिली। जगह-जगह महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र से एक अनोखा मामला सामने आया है। शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) की महिला विंग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर एक ऐसी मांग कर दी है, जो आपको हैरान कर सकती है! इस पत्र में उन्होंने "जान लेने की सजा से छूट" देने की मांग की है। आखिर क्या है इस पत्र के पीछे की वजह? और क्यों उठ रही है ऐसी मांग?
महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी की नेता ने एक अनोखी मांग की है। एनसीपी शरदचंद्र पवार की महिला शाखा की अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के मद्देनजर जान लेने पर सजा में छूट देने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि महिलाएं दमनकारी मानसिकता, शोषण वाली मानसिकता और निष्क्रिय कानून-व्यवस्था की प्रवृत्ति को खत्म करना चाहती हैं।
इसके साथ ही खडसे ने हाल ही में मुंबई में हुए 12 साल की लड़की से सामूहिक शोषण की घटना का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। हम सभी महिलाओं की तरफ से एक जान लेने पर सजा में छूट की मांग कर रहे हैं।
रोहिणी खडसे ने पत्र में लिखा कि उम्मीद है कि राष्ट्रपति उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेंगी। और पार्टी की इस मांग को स्वीकार करेंगी। दरअसल शरद गुट की एनसीपी के इस पत्र का मकसद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधना है। पिछले काफी वक्त से लगातार अपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं। जिससे राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे है। ऐसे में विपक्ष सरकार पर हमलावर है। तो एक तरफ जहां महिलाओं के सशक्तीकरण और अधिकारों की बात की जाती है, वहीं दूसरी तरफ ये अनोखी मांग नई बहस को जन्म दे रही है।


