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बिहार के 'सुपारी किलर' का बनेगा डाटाबेस, छह महीने में 700 अपराधी गिरफ्तार

बिहार में 'सुपारी किलर' का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके लिए एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के अंतर्गत खासतौर से 'सुपारी किलर निगरानी सेल' का गठन किया गया है

बिहार के सुपारी किलर का बनेगा डाटाबेस, छह महीने में 700 अपराधी गिरफ्तार
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पटना। बिहार में 'सुपारी किलर' का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके लिए एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के अंतर्गत खासतौर से 'सुपारी किलर निगरानी सेल' का गठन किया गया है। यह सेल तमाम सुपारी किलर का पूरा ब्योरा जुटाकर डोजियर बनाएगा। इससे किसी वारदात में ऐसे हत्यारों की पहचान करने में आसानी होगी।

बिहार एसटीएफ के एडीजी कुंदन कृष्णन ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि सुपारी किलर के फोटो, नाम, पता समेत तमाम जानकारियां एकत्रित करके रखी जाएगी। राज्य में नशे के कारोबार पर नकेल कसने के लिए एटीएफ में एक नॉरकोटिक्स सेल का भी गठन किया गया है। इसे थानों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने के लायक बनाया जा रहा है। इसमें अधिकारियों और कर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि संगीन एवं हिंसक अपराध में शामिल अपराधियों को सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की गई है। गृह विभाग को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि जल्द से जल्द इसे अमलीजामा पहनाया जा सके। 2012-13 तक फास्ट ट्रैक कोर्ट की मदद से सालाना दो से तीन हजार अपराधियों को उम्रकैद समेत अन्य सख्त सजाएं दिलाई जाती थीं। वर्तमान में सालाना 500-600 अपराधियों को सख्त सजा दिलाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि राज्य में 1,290 ऐसे अपराधियों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने आपराधिक गतिविधियों की बदौलत संपत्ति अर्जित की है। सभी की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया पुलिस शुरू करने जा रही है। अवैध हथियार या पिता के लाइसेंसी हथियार के साथ कोई नाबालिग पकड़ा जाता है, तो अभिभावक या पिता को भी जेल होगी। बिहार में अपराध की घटनाएं नहीं बढ़ी हैं। पिछले वर्ष मई-जून में जितने अपराध हुए हैं, उसकी तुलना में इस वर्ष आपराधिक वारदातें कम हुई हैं। दूसरे राज्यों में घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार किया जा चुका है। इस वर्ष जनवरी से अब तक ऐसे 700 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

एडीजी ने दावा करते हुए कहा कि राज्य में नक्सली वारदातें नहीं हो रही हैं। नक्सलियों के गढ़ गया, औरंगाबाद, मुंगेर, जमुई समेत अन्य इलाकों में इनका तकरीबन सफाया हो गया है। इस वर्ष जनवरी से अब तक 82 नक्सली दबोचे जा चुके हैं।


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