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रोहतक सिविल अस्पताल में स्किन एलर्जी के 30 फीसदी मामले आ रहे हैं : दिनेश मलिक

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। जिससे लोगों में सांस लेने की समस्या होने लगी है

रोहतक सिविल अस्पताल में स्किन एलर्जी के 30 फीसदी मामले आ रहे हैं : दिनेश मलिक
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रोहतक। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। जिससे लोगों में सांस लेने की समस्या होने लगी है।

दूसरी ओर हरियाणा के रोहतक में प्रदूषण की वजह से लोगों में स्किन एलर्जी होने लगी है। रोहतक स्थित सिविल अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 30 फीसदी के करीब मरीज स्किन एलर्जी की समस्या को लेकर पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हैं। मरीजों की आंखों में जलन, खांसी, चेहरे पर दाने की समस्या मुख्य है।

रोहतक सिविल अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. दिनेश मलिक ने बुधवार को आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने से मरीजों के आंखों में जलन की शिकायत सबसे ज्यादा आ रही है। इसके अलावा जिन्हें अस्थमा है वह भी सांस की समस्या से जूझ रहे हैं। लगातार एक्यूआई खराब होने से कुछ ही दिनों में ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

उन्होंने कहा कि एक्यूआई 300 से 400 के बीच रहे तो यह खतरनाक है। क्योंकि, अगर हवा साफ नहीं होगी तो परेशानी जरूर होगी। एक्यूआई के बढ़ने से यह हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालता है। सांस की समस्या से जूझ रहे मरीजों को काफी दिक्कतें आती हैं।

जिस प्रकार हम लोग कोरोना महामारी के दौरान मास्क का प्रयोग करते थे। अब प्रदूषण से बचाव के लिए हमें फिर से मास्क पहनना शुरू करना होगा। प्रदूषण से बचाव के लिए एन95 मास्क पहनना कारगर साबित होगा। क्योंकि, यह सिर्फ हमें प्रदूषण से ही नहीं बचाता है बल्कि, वायु में मौजूद बेक्टेरिया से भी बचाता है।

उन्होंने कहा, प्रदूषण से बचाव के लिए निजी वाहन की जगह सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें। एक्यूआई सुबह चेक करें इसके बाद ही सुबह और शाम के समय सैर के लिए निकलें। अगर एक्यूआई खराब है तो सुबह मॉर्निंग वॉक को स्थगित करें। प्रदूषण से अगर स्किन एलर्जी हो रही है तो डॉक्टर से परामर्श के बिना दवाई न लें।


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