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‘यह पब्लिक है, सब जानती है’, जातिगत जनगणना पर ऐसा क्यों बोले पप्पू यादव

निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने केंद्र सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि ‘यह पब्लिक है, सब जानती है’। आप पब्लिक को मूर्ख नहीं बना सकते हैं

‘यह पब्लिक है, सब जानती है’, जातिगत जनगणना पर ऐसा क्यों बोले पप्पू यादव
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नई दिल्ली। निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने केंद्र सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि ‘यह पब्लिक है, सब जानती है’। आप पब्लिक को मूर्ख नहीं बना सकते हैं।

उन्होंने ये बातें उस तर्क को खारिज करते हुए कहीं जिसमें राजद यह दावा कर रही है कि हमारे दबाव में आकर ही केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया गया है।

इन तर्कों को सिरे से खारिज करते हुए पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। इस पूरे मामले में तो श्रेय लेने का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। अगर कोई इस विषय में श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है, तो यह पूरी तरह से राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है।

उन्होंने जातिगत जनगणना की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया। कहा कि यह किस तरह की जातिगत जनगणना है? ना ही आपने किसी की भागीदारी बताई और ना ही आपने किसी की सहभागिता बताई। आपने इसका स्वरूप तक नहीं बताया और ना इसके लिए कोई फोरम बनाया है। क्या इन लोगों भारत की जनता को मूर्ख समझा हुआ है?

उन्होंने दावा किया कि अगर जातिगत जनगणना सही मायने में कहीं हुई है, तो वो तेलंगाना है, जहां पर सबकुछ निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया गया। उन्होंने तर्क दिया कि हम इस पूरी स्थिति को जाति की दृष्टि से देखने से बचे, बल्कि यह देखने का प्रयास करेंगे कि समाज में ऐसा कौन सा वर्ग है, जो दबा कुचला हुआ है।

उन्होंने कहा कि ऐसा तो नहीं है कि अगर कोई ऊंची जाति का है, तो वो आर्थिक रूप से हमेशा से मजबूत ही रहा है। ऊंची जाति में भी कई ऐसे लोग हैं, जो गरीब आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिनके बच्चे कई बार संसाधनों के अभाव में वो नहीं कर पाते हैं, जो वो कर सकते हैं। कुल मिलाकर आप यह कह सकते हैं कि जातिगत जनगणना के जरिए हम लोग समाज में रहने वाले विभिन्न लोगों की आर्थिक दशा को सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं। जिससे यह साफ जाहिर हो सके कि किस जाति की स्थिति कैसी है। लेकिन, जिस तरह से इस पूरे मामले में भी कुछ लोग अपने लिए राजनीतिक अवसर तलाश रहे हैं, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अगर कोई ऐसे गंभीर विषयों में भी अपने लिए राजनीतिक अवसर तलाश रहा है, तो मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को खारिज कर देना चाहिए।

इसके अलावा, उन्होंने राजद पर भी निशाना साधा। कहा कि जब आप लोग इतने साल तक सत्ता में थे, तो क्यों नहीं जातिगत जनगणना कराई। आप लोगों ने इतने वर्षों तक राजपाट का भोग किया। लेकिन, जातिगत जनगणना कराने की जहमत नहीं उठाई और आज यह लोग श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने तो जातिगत जनगणना को लेकर पूरी तरह से चैलेंज कर दिया था। उन्होंने तो स्पष्ट कर दिया था कि केंद्र सरकार को किसी भी कीमत पर जातिगत जनगणना करानी ही होगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना कराने जा रही है। लेकिन, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि भाजपा और आरएसएस की जातिगत जनगणना बिल्कुल अलग है। यह लोग जितनी जिसकी जनसंख्या है, उसको उतनी भागीदारी दिलाने की दिशा में प्रयासरत हो चुके हैं।



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