राज्य सरकार प्याज की भंडारण सीमा तय करेगी
केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकारों को इसकी भंडारण सीमा तय करने और जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया है
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकारों को इसकी भंडारण सीमा तय करने और जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया है।
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने तथा उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु केंद्र सरकार ने राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को प्याज के व्यापारियों/डीलरों पर नियंत्रण करने का अधिकार देने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में गत 25 अगस्त को अधिसूचना जारी की गयी थी। अब राज्य प्याज की भंडारण सीमा तय कर सकेंगे और जमाखोरों , सट्टेबाजों और मुनाफाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने जैसे विभिन्न कदम उठा सकेंगे। हाल ही के सप्ताहों में खासकर गत माह से प्याज की कीमतों में हुई असामान्य वृद्धि के कारण यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, प्याज का उत्पादन और बाजार में इसकी आपूर्ति पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बेहतर रही है। सरकार का कहना है प्याज की आसमान छूती कीमत के पीछे इसकी आपूर्ति की कमी के अलावा जमाखोरी और सट्टेबाजी भी महत्वपूर्ण कारक हैं।
हाल में प्याज की खुदरा कीमतें 30 से 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी है । इसी तरह आगामी त्योहारी मौसम के दौरान चीनी की अबाध आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा इसकी कीमतों को नियंत्रित करने हेतु केंद्र ने चीनी मिलों के लिए भंडारण सीमा भी तय कर दी है।
चीनी मिलों को सितंबर के अंत में अपने कुल उत्पाद के 21 फीसदी से अधिक हिस्से के भंडारण की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही उन्हें अक्टूबर के अंत तक भंडारण स्तर घटाकर आठ प्रतिशत करना होगा। त्योहारी मौसम में चीनी की मांग बढ़ जाती है और चीनी मिल इस मौके को भुनाने के लिए बाजार में जानबूझकर इसकी कम आपूर्ति करते हैं। चीनी की खपत के मामले में भारत दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है।


