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राज्य सरकार अक्टूबर से संविदा कर्मचारियों का बढ़ा सकती है वेतन

अक्टूबर से राज्य सरकार विभिन्न पदों पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों का वेतन बढ़ा सकता है

राज्य सरकार अक्टूबर से संविदा कर्मचारियों का बढ़ा सकती है वेतन
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रायपुर। अक्टूबर से राज्य सरकार विभिन्न पदों पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों का वेतन बढ़ा सकता है. सूत्रों से पता चला है कि संविदा वेतन वृद्वि सितंबर की अंतिम सप्ताह एवं अक्टूबर में संविदा पुनरीक्षित किए जाने की सहमति बनी है. इस संबंध में संविदा कर्मचारी संघ कई बार शासन-प्रशासन को ज्ञापन दे चुके हैं

सर्व विभागीय कर्मचारी संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सचिव श्रीकांत लास्कर ने बताया कि वेतन का निर्धारण करते हुए पुनरीक्षित वेतन प्रत्येक 02 वर्षों के अंतराल में महंगाई भत्ता के आधार पर मासिक संविदा एकमुश्त वेतन का निर्धारण वर्ष 2004 से 1 जुलाई 2019 तक किया गया. दो वर्षों के अंतराल में पुन: 1 जुलाई 2021 को 17 प्रतिशत के आधार पर संविदा पुनरीक्षित वेतन वृद्वि किया जाना था.

विगत वर्षों से संविदा कर्मचारियों का महंगाई भत्ते में हुई वृद्वि का प्रतिशत शामिल नहीं होने के कारण संविदा कर्मचारियों के जीवन निर्वहन में आर्थिक समस्या बढ़ गई है. इस संबंध में महासंघ ने शासन-प्रशासन को निरंतर पत्र जारी कर वेतन वृद्वि की मांग की है.

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा एवं शेख राषिद ने विशेष रूप से सचिव छग शासन, वित्त विभाग, मंत्रालय रायपुर से वेतन वृद्वि की मांग की है. सूत्रों से पता चला है कि संविदा वेतन वृद्वि सितंबर की अंतिम सप्ताह एवं अक्टूबर माह में संविदा पुनरीक्षित किए जाने की सहमति बनी है.

अब महासंघ की मांग यह है कि यदि वर्तमान समय में वेतन वृद्वि किया जा रहा है तो उसे प्रचलित 28 प्रतिशत महंगाई भत्ते का समायोजन कर एकमुश्त संविदा वेतन वृद्वि जारी किया जाए, क्योंकि राज्य शासन के शासकीय सेवकों का वर्ष 2021 एवं 2022 महंगाई भत्ते में निरंतर 5,5,6 प्रतिशत शामिल कर महंगाई भत्ते की दर 28 प्रतिशत लागू की गई है, जो 1 अगस्त 2022 से लागू हो चुकी है.

सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं पदाधिकारी संजय सोनी, सूरज सिंह ठाकुर, टीकमचंद कौशिक, टेकलाल पाटले, सुदर्शन मंडल, देवी चंद्राकर एवं जिले के संविदा कर्मचारियों का मानना है कि शासन-प्रशासन उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल अवश्य करेगी।

साथ ही भविष्य में नियमितीकरण होने से संविदा कर्मचारियों को हो रही समस्याओं से निजात मिलेगी, जिसमें मुख्य रूप से 62 वर्ष नौकरी सुरक्षा, वेतन विसंगति, अनुकम्पा नियुक्ति, बीमा, पेंशान, स्थानांतरण जैसे मूलभूत सुविधाएं मिलेगी, जिससे लगभग राज्य के 35000 संविदा अधिकारी-कर्मचारी वंचित है.


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