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जनजातियों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध : शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वनवासी कल्याण परिषद और आश्रम जनजातियों के लिए अदभुत कार्य कर रहा है

जनजातियों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध : शिवराज
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वनवासी कल्याण परिषद और आश्रम जनजातियों के लिए अदभुत कार्य कर रहा है। जनजातीय समाज हमारा अभिन्न अंग है। यह अदभुत समाज है।

श्री चौहान वनवासी कल्याण परिषद भोपाल के एम पी नगर स्थित शैक्षणिक एवं बहुउद्देशीय कौशल विकास केंद्र के भवन का लोकार्पण कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने परिसर में टंट्या मामा की मूर्ति का अनावरण भी किया। उन्होंने कहा कि परम वैभव का अर्थ केवल भारत आर्थिक और सामरिक रूप से सक्षम बने, यहां के सभी नागरिकों को रोटी, कपड़ा और मकान मिले यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि इससे भी अधिक है। भारत का लक्ष्य विश्व मंगल की कामना है। भारत के महापुरुषों ने हमेशा विश्व कल्याण की बात की है और उसके लिए प्रयास किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातियों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश में सामाजिक समरसता के साथ पेसा एक्ट लागू कर दिया गया है। हमारे सभी जनजातीय नायकों की प्रतिमाएँ लगाई जा रही हैं। हाल ही में इंदौर भंवरकुआं में टंट्या मामा की प्रतिमा स्थापित की गई है। धर्मांतरण को लेकर प्रदेश की धरती पर षडयंत्र नहीं चलने दिया जाएगा। जनजातीय वर्ग की जमीन षडयंत्रपूर्वक हड़पने नहीं दी जाएगी।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पेसा एक्ट लागू कर जनजातीय समाज को अधिकार सम्पन्न बनाया जा रहा है। जमीन के साथ जंगल की उपज के लिए अधिकार दिया गया है। मजदूरी के लिए कोई बाहर ले जाएगा तो ग्राम सभा को सूचना देनी होगी। ग्राम सभा को इसी तरह के अनेक अधिकार दिए गए हैं। पेसा एक्ट को लागू करने के लिए वनवासी कल्याण परिषद और आश्रम का सहयोग चाहिए। सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक सशक्तिकरण किया जा रहा है।

इंडियन ऑयल द्वारा दी गई मदद का पूरा सदुपयोग होगा। सरकार और समाज मिल कर साथ काम करेंगे तो बेहतर सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने वनवासी कल्याण परिषद और आश्रम का आभार प्रकट किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश की संस्कृति के विकास में जनजातीय समुदाय का अमूल्य योगदान है। वनवासी परिषद द्वारा जनजातीय समाज के लिए अत्यंत उपयोगी कौशल विकास केन्द्र का भवन लोकार्पित हो रहा है, जो जनजातियों के उत्थान में उपयोगी होगा। भारत के इतिहास में जनजातीय समाज का हर क्षेत्र में योगदान किसी अन्य समाज से कम नहीं रहा है।

वनवासियों में प्रतिभा की कमी नहीं है। कृषि, तांत्रिक ज्ञान, स्वास्थ्य आदि का ज्ञान जनजातियों में भरपूर है। विभिन्न क्षेत्रों में जनजातीय वर्ग के कार्यों की प्रदर्शनी भी लगाई जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम जनजातीय भाई-बहनों के लिए खड़े रहे और उनको हर प्रकार की मदद देने के लिए तैयार रहे। उनकी कला लोक कला और परम्परा को सुरक्षित रखने और विकास के लिए कोशिश करें जिससे उन्हें आत्म-विश्वास से समाज के साथ जुड़ने में मदद मिले। हमें सभी समाजों को साथ लेकर आगे बढ़ना है।

वनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री योगेश बापट ने कहा कि जनजातीय समाज को आगे बढ़ाने के लिए भवन का लोकार्पण हो रहा है। वनवासी कल्याण परिषद 70 वर्षों से कार्य कर रही है। जनजातीय नायकों का स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान रहा है जिसको सामने लाने का कार्य जनजातीय कल्याण परिषद कर रही है। जनजातियों के शैक्षणिक और कौशल विकास का कार्य पूरे देश में चल रहा है। इसके लिए प्रेरणादायी गतिविधियाँ जारी है।

महाप्रबंधक इंडियन ऑयल शशि चौधरी ने कहा कि कम्पनी सीएसआर फंड से मध्यप्रदेश में कई कार्य कर रही है। इसी कड़ी में इस शैक्षणिक एवं बहुउद्देशीय कौशल विकास केन्द्र के लिए मदद की गई है।

अध्यक्ष राष्ट्रीय जनजातीय आयोग हर्ष चौहान ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम देश में ही नहीं दुनिया में अनूठा है। यह जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रहा है। कल्याण आश्रम समाज में भ्रम दूर करने का माध्यम है।

आयोग के माध्यम से विभिन्न विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम किए गए हैं। छात्र जनजातीय विषयों पर शोध के लिए प्रेरित हुए हैं। प्रदर्शनियों के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं। केंद्र में आवश्यकता के अनुरूप स्व-रोजगार और कौशल का प्रशिक्षण भी मिलेगा।


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