एसएसबी के जवानों को सौंपी जा सकती है जिम्मेदारी
भारत की नेपाल और भूटान सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों को बहुत जल्द कई कामों की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

लखनऊ। भारत की नेपाल और भूटान सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों को बहुत जल्द कई कामों की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस बल को पहले स्पेशल सर्विस ब्यूरो कहा जाता था। वर्ष 1961 में भारत-चीन के बाद सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की स्थापना की गई थी।
इस बल का गठन सीमा पर संदिग्ध गतिविधियाें पर कड़ी चौकसी और आंदोलनों पर नजर रखने के लिये किया गया था। एसएसबी के इंस्पेक्टर जनरल(लखनऊ फ्रंटियर) आलोक शर्मा ने ‘यूनीवार्ता’ के साथ बातचीत में कहा “एसएसबी लोगों के साथ दोस्ताना व्यवहार करती है, इसलिये विकट परिस्थितियों में भी सफल हो जाती है।” उन्होंने कहा कि जहां राज्य सरकार और केंद्रीय विभाग विफल होते हैं वहां पर एसएसबी लोगों के कल्याण के लिए काम करने में सफल होता है।
एसएसबी वास्तव में सीमा क्षेत्रों में केंद्रीय सरकार के वास्तविक प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में एसएसबी हमेशा स्थानीय लोगों के बीच संवाद बनाये रखती है।
एसएसबी की उपस्थिति से लोगों के बीच सुरक्षा की भावना बढ़ती है। छोटे अपराधों को काफी हद तक रोक दिया जाता है। इसके साथ ही एसएसबी लोगों की जरूरत, जैसे सड़क, बिजली, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों आदि की आवश्यकता को भी पूरा करने की कोशिश में लगी रहती है।


