श्रीनगर :शहीद अरशद खान के परिजनों से मिले अमित शाह
जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादी हमले में शहीद हुए अनंतनाग सदर के थाना अध्यक्ष के परिजनों से आज मुलाकात करके संवेदना व्यक्त की

श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादी हमले में शहीद हुए अनंतनाग सदर के थाना अध्यक्ष के परिजनों से आज मुलाकात करके संवेदना व्यक्त की।
शाह गृह मंत्री बनने के बाद पहली बार दो दिन के जम्मू-कश्मीर के दौरे पर कल यहां पहुंचे थे। उन्होंने खान के परिवार वालों से उनके घर जाकर भेंट की।
Visited the home of inspector Arshad Khan, SHO Anantnag in Srinagar, who was martyred in a terror attack & offered my condolences to the bereaved family.
— Amit Shah (@AmitShah) June 27, 2019
His sacrifice for the security of our nation has saved many lives. Entire nation is proud of Arshad Khan‘s valour & courage. pic.twitter.com/eByqlVubo6
गौरतलब है कि 12 जून की शाम को मोटरसाइकिल सवार आतंकवादियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के गश्ती दल पर हमला कर दिया था। यह आतंकवादी हमला अनंतनाग बस स्टैंड के निकट के पी रोड पर हुआ। हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद और कई अन्य घायल हुए थे। अरशद खान इस हमले में घायल हो गए थे और इलाज के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) लाया गया था किंतु उपचार से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई थी।
राज्य के दौरे के दौरान शाह अमरनाथ गुफा के दर्शन भी करने जायेंगे । शाह ने सुरक्षा के मसले पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में सभी सुरक्षा एजेंसियों से आतंकवादियों और उपद्रवियों के खिलाफ कठोर रवैया अपनाये रखने की हिदायत दी। गृहमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को अमरनाथ यात्रियों पर किसी तरह के आतंकवादी हमले या खतरे को टालने के लिए सभी संवेदनशील तथा घुसपैठ की आशंका वाले बिंदुओं पर सुरक्षा-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरु होनी है ।
शाह के जम्मू-कश्मीर के दौरे की विशेषता यह रही कि अलगाववादी संगठनों की ओर से बुधवार को बंद का आह्वान नहीं किया गया। पिछले तीन दशक के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से किसी भी प्रतिनिधि का राज्य का दौरा होने पर अलगाववादी समूह घाटी में बंद का आह्वान करते रहे हैं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने पिछले दिनों संकेत दिया था कि अलगाववादी बातचीत के लिए राजी हैं और उन्होंने इसे उत्साहवर्धक संकेत बताया था।


