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भारत के तेज रफ्तार औद्योगीकरण का लाभ उठाने की श्रीलंका की योजना

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विकरमेसिंघे ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बनने जा रहा है

भारत के तेज रफ्तार औद्योगीकरण का लाभ उठाने की श्रीलंका की योजना
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कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विकरमेसिंघे ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बनने जा रहा है और वहां तेजी से औद्योगीकरण हो रहा है जिसका श्रीलंका लाभ उठा सकता है और वह इस क्षेत्र में एक हवाई तथा समुद्री हब के रूप में उभरने की योजना बना रहा है।

यहां कोलंबो नॉर्थ पोर्ट की 30 साल की विकास योजना पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए शुक्रवार को विक्रमसिंघे ने कहा, भारत 2050 तक दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश होगा। इसकी आबादी 140 करोड़ से बढ़कर 170 करोड़ पर पहुंच जाएगी। भारत का तेजी से औद्योगीकरण हो रहा है, विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में - आप गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में एक अन्य को देखें, विशेष रूप से तमिलनाडु में।

विक्रमसिंघे ने कहा, लेकिन यह शुरुआत है। वहां से यह अन्य क्षेत्रों में फैलेगा। इसलिए, विनिर्माण औद्योगीकरण अब भारत में हो रहा है। यह अभी भी उस स्तर तक नहीं पहुंचा है जहां चीन 2010 में पहुंचा था। इसे अभी भी वहां जाना है। इसलिए, किसी स्तर पर विकास गुणात्मक होगा।

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा, भारत में विकास होगा। फिर भारत और श्रीलंका के बीच क्या संपर्क बनेगा। हमारा निकटतम बिंदु उत्तर में है। क्या हम फेरी में कोई भूमिका निभाने जा रहे हैं? क्या हम अधिक स्थायी संरचनाएं बनाने जा रहे हैं? ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें हमें हल करना है और यह हमारे बंदरगाहों, विशेष रूप से कोलंबो बंदरगाह की व्यवहार्यता भी निर्धारित करेगा।

मछली पकड़ने पर पड़ने वाले प्रभाव को हमें गंभीरता से लेना होगा क्योंकि निर्माण शुरू करने से पहले आपको क्षेत्र के लोगों का समर्थन प्राप्त करना होगा।

विक्रमसिंघे ने कहा कि अगले 25 वर्षों के भीतर श्रीलंका को एक हब और एक विकसित देश बनाने की अपनी यात्रा में द्वीप राष्ट्र को भारत और बांग्लादेश, ईरान तथा पूरे मकरान तट सहित क्षेत्र में विकास को देखना होगा।

उन्होंने कहा, हम त्रिंकोमाली बंदरगाह के विकास पर भारत के साथ इस आधार पर चर्चा कर रहे हैं कि अगले 25 वर्षों में बंगाल की खाड़ी में भारतीय पक्ष, बांग्लादेशी पक्ष, मलेशिया और यहां तक कि म्यांमार में दोनों तरफ व्यापक विकास होगा।

हमें त्रिंकोमाली बंदरगाह और बंगाल की खाड़ी में क्रूज पर्यटन के लिए एक बिंदु के रूप में इसकी क्षमता को भी देखना होगा।

रानिल विक्रमसिंघे ने कहा, हमें केवल एक बात याद रखनी है कि भारत में क्या होने जा रहा है, पाकिस्तान में क्या हो रहा है और ईरान में क्या हो रहा है। वे तीनों क्षमता तय करेंगे।


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